Donald Trump, Xi Jinping Meeting | क्या खत्म होगा व्यापार युद्ध? ट्रंप-शी की मुलाकात से वैश्विक अर्थव्यवस्था को उम्मीद

Trump Xi
ANI
रेनू तिवारी । Oct 30 2025 9:56AM

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी समकक्ष शी चिनफिंग ने दक्षिण कोरिया में एपेक शिखर सम्मेलन के दौरान छह साल बाद पहली बार मुलाकात की। इस महत्वपूर्ण बैठक का मुख्य उद्देश्य बढ़ते व्यापार युद्ध के तनाव को कम करना और वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिर करना था, जिससे टैरिफ और दुर्लभ मृदा तत्वों के निर्यात पर नियंत्रण जैसे मुद्दों पर द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में नई स्थिरता आने की उम्मीद है।

छह साल में पहली बार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग गुरुवार को दक्षिण कोरिया में APEC शिखर सम्मेलन के दौरान आमने-सामने हुए। यह एक महत्वपूर्ण बैठक थी जिसका उद्देश्य महीनों से चले आ रहे व्यापार तनाव को कम करना और दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच स्थिरता बहाल करना था। बुसान के गिमहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दोनों राष्ट्रपतियों के हाथ मिलाने के कुछ ही क्षण बाद, ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, "हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं, हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। हमारी मुलाकात बहुत सफल रहने वाली है। उन्हें फिर से देखकर अच्छा लगा। हम आज एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।" उन्होंने कहा, "वह (शी) बहुत सख्त वार्ताकार हैं, यह अच्छी बात नहीं है। हम एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं। हमारे बीच हमेशा से अच्छे संबंध रहे हैं।"

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दोनों नेताओं के बीच आखिरी आमने-सामने की मुलाकात 2019 में जापान के ओसाका में जी20 शिखर सम्मेलन में हुई थी, जो ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान हुआ था। दोनों नेता और उनके वरिष्ठ सहयोगी सफेद और नीले फूलों और दोनों देशों के राष्ट्रीय झंडों से सजे एक छोटे से सम्मेलन कक्ष में बैठक कर रहे हैं। 

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इस बैठक को दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेताओं के लिए शुल्क को लेकर जारी तनाव को कम करने का एक अवसर माना जा रहा है। व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में दूसरे कार्यकाल के लिए वापसी के बाद से ट्रंप ने आक्रामक रूप से शुल्क (टैरिफ) लगाए और इसके जवाब में चीन ने दुर्लभ मृदा तत्वों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए, जिसके मद्देनजर यह बैठक आवश्यक हो गयी थी।

दोनों देशों में यह स्वीकारोक्ति है कि कोई भी पक्ष वैश्विक अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का जोखिम नहीं उठाना चाहता क्योंकि इसका असर उनके अपने आर्थिक हितों पर पड़ेगा। बैठक से पहले अमेरिकी अधिकारियों ने संकेत दिया कि ट्रंप चीन से आयातित वस्तुओं पर अतिरिक्त 100 प्रतिशत कर लगाने की अपनी हालिया धमकी पर अमल नहीं करेंगे।

वहीं, चीन ने भी दुर्लभ धातुओं पर निर्यात नियंत्रण में ढील देने और अमेरिका से सोयाबीन खरीदने की इच्छा दिखाई है। दक्षिण कोरिया जाते समय ‘एयर फोर्स वन’ में ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह फेंटानिल उत्पादन से जुड़े शुल्क में कमी करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हम उस दर को घटाएंगे क्योंकि मुझे विश्वास है कि वे (चीन) हमें फेंटानिल की समस्या से निपटने में मदद करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘चीन के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं।’’ बृहस्पतिवार को बैठक से ठीक पहले ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि यह बैठक ‘‘जी2’’ होगी यानी अमेरिका और चीन की विश्व की सबसे बड़ी दो अर्थव्यवस्थाओं के रूप में पहचान। जैसे जी7 और जी20 औद्योगिक देशों के समूह हैं।

हालांकि, अन्य वैश्विक शिखर सम्मेलनों की तरह यह बैठक किसी आलीशान जगह पर नहीं बल्कि एक साधारण इमारत में हो रही, जो बुसान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक सैन्य अड्डे पर स्थित है। बैठक बुसान (दक्षिण कोरिया) में हो रही है, जो ग्योंगजू से लगभग 76 किमी दक्षिण में स्थित है।

ग्योंगजू एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) शिखर सम्मेलन का मुख्य आयोजन स्थल है। ट्रंप का हेलिकॉप्टर स्थानीय समयानुसार सुबह 10:20 बजे उतरा, जबकि 10 मिनट बाद एयर चाइना का विमान भी वहां पहुंचा। बुधवार रात अन्य एपेक नेताओं के साथ रात्रिभोज के दौरान ट्रंप माइक्रोफोन में यह कहते हुए सुने गए कि बैठक तीन से चार घंटे चलेगी और उसके बाद वह वाशिंगटन लौट जाएंगे। दोनों देशों के अधिकारी इस हफ्ते की शुरुआत में कुआलालंपुर में मिले थे ताकि इस बैठक की रूपरेखा तैयार की जा सके।

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