ट्रंप का यात्रा प्रतिबंध आदेश बहाल करने से कोर्ट का इंकार

[email protected] । Feb 10 2017 11:24AM

अमेरिकी संघीय अपीली अदालत ने राष्ट्रपति ट्रंप के विवादित शासकीय आदेश को बहाल करने से सर्वसम्मति से इनकार कर दिया है। ट्रंप ने इस निर्णय को एक ‘राजनीतिक फैसला’ करार दिया है।

वाशिंगटन। अमेरिकी संघीय अपीली अदालत ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विवादित शासकीय आदेश को बहाल करने से सर्वसम्मति से इनकार कर दिया है। ट्रंप ने इस निर्णय को एक ‘राजनीतिक फैसला’ करार दिया है। ट्रंप के विवादित शासकीय आदेश के तहत मुस्लिम बहुल सात देशों से आने वाले शरणार्थियों और लोगों पर अस्थायी तौर पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। संघीय अदालत ने इस आदेश पर रोक लगाई हुई है।

तीन न्यायाधीशों वाली पीठ की ओर से सुनाया गया यह फैसला ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि उसका विधायी आदेश चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को देश में प्रवेश करने से रोकने के लिहाज से एक बड़ा कदम था। ट्रंप ने अदालत के आदेश पर जल्दी ही प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया। सैन फ्रांसिस्को स्थित नाइन्थ कोर्ट ऑफ अपील के फैसले पर गहरी निराशा जाहिर करते हुए ट्रंप ने लिखा, ‘‘आपसे अदालत में मिलते हैं, हमारे देश की सुरक्षा दांव पर है।’’

ट्रंप प्रशासन ने अदालत से मांग की थी कि वह सीएटल की एक संघीय अदालत द्वारा उसके शासकीय आदेश पर लगाई गई रोक को हटा ले। सीएटल की अदालत ने यह फैसला वाशिंगटन राज्य की अपील पर सुनाया था। सैन फ्रांसिस्को की अदालत ने इस सप्ताह की शुरूआत में इस मामले पर एक मौखिक सुनवाई की थी। पीठ में न्यायाधीश विलियम सी कैन्बी जूनियर, रिचर्ड आर क्लिफ्टन और मिशेल टी फ्राइडलैंड शामिल थे।

न्यायाधीशों ने सर्वसम्मत आदेश में कहा, ‘‘हमारा मानना है कि सरकार अपनी अपील के गुण-दोषों पर खरी नहीं उतरी है और न ही वह यह दिखा पाई है कि स्थगन का आदेश न आने से कोई अपूरणीय क्षति हो जाएगी। इसलिए हम स्थगन की मांग करने के लिए लाए गए इस आपात प्रस्ताव को खारिज करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि अदालतें आव्रजन और राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में राष्ट्रपति के नीतिगत फैसलों का पर्याप्त सम्मान करती हैं लेकिन संघीय न्यायपालिका के पास यह भी अधिकार है कि वह विधायिका के कदम से पेश होने वाली संवैधानिक चुनौती पर निर्णय दे सकती है। उसके इस अधिकार पर कोई सवाल नहीं उठाया जा सकता।’’

फैसले के बाद संवाददाताओं से संक्षिप्त बातचीत के दौरान ट्रंप ने इसे राजनीतिक फैसला बताया। एनबीसी न्यूज ने ट्रंप के हवाले से कहा, ‘‘यह एक राजनीतिक फैसला है लेकिन हम उन्हें अदालत में देख लेंगे। यह महज एक फैसला है, जो फिलहाल आया है, लेकिन मामले में जीत हमारी ही होगी।’’ हालांकि ट्रंप के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का जश्न मनाया। भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने कहा, ‘‘संविधान की जीत हुई।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह लोकतंत्र की एक बड़ी जीत है। यह हमारे देश और दुनियाभर में रहने वाले हमारे परिवारों के लिए बड़ी जीत है।’’

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