अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान को सीपीसी के तौर पर चिन्हित करने की अपील की

US lawamkers for listing Pak as country of particular concern over religious freedom

अमेरिका के दो सांसदों ने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से अपील की है कि वह पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता का “सुनियोजित और खराब ढंग’ से उल्लंघन करने के लिए उसे “विशेष चिंता वाले देश” के तौर पर चिन्हित करें।

वाशिंगटन। अमेरिका के दो सांसदों ने विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन से अपील की है कि वह पाकिस्तान को अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता का “सुनियोजित और खराब ढंग’ से उल्लंघन करने के लिए उसे “विशेष चिंता वाले देश” के तौर पर चिन्हित करें। कांग्रेस सदस्य रैंडी हल्गट्रेन और टॉम लांटोस मानवाधिकार आयोग के सह-प्रमुख जेम्स पी मैकगवर्न ने टिलरसन को एक पत्र लिखकर पाकिस्तान सरकार पर कई सालों से धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर दमन करने का आरोप लगाया है और कहा कि इस दमन के कम होने या खत्म होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “हमें पाकिस्तान की असफलता के लिए उसके साथ ईमानदार रहना चाहिए : अपने ही देश में धार्मिक स्वतंत्रता का हनन कर पाकिस्तान सरकार केवल अपनी साख घटा रही है और देखा जाए तो इस क्षेत्र में तालिबान, आईएसआईएस, हक्कानी नेटवर्क और अन्य चरमपंथी आतंकवादी समूह के खिलाफ लड़ाई में अपने सहयोगी अमेरिका की भी साख को कम कर रही है।

उन्होंने लिखा, “अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को विशेष चिंता वाले देश (सीपीसी) के तौर पर चिन्हित न करने की स्थिति में वहां धार्मिक स्वतंत्रता के माहौल में सुधार आने की गुंजाइश कम है।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को सीपीसी के तौर पर चिन्हित करना एक नैतिक अनिवार्यता भर नहीं है बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत एक कानूनी अनिवायर्ता है और ऐसा करने से विश्व के समक्ष अमेरिका की विश्वसनीयता बढ़ेगी कि वह धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थक और चरमपंथी हिंसा का विरोधी है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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