‘डीयू को बचाने’, ‘फिर से’ विरोध का हक लेने के लिए मार्च
दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू और जामिया के सैकड़ों छात्र और शिक्षक आज विश्वविद्यालयों को एबीवीपी के ‘‘आक्रमण’’ और विरोध को ‘‘दबाने’’ के खिलाफ सड़कों पर उतरे।
दिल्ली विश्वविद्यालय, जेएनयू और जामिया के सैकड़ों छात्र और शिक्षक आज विश्वविद्यालयों को एबीवीपी के ‘‘आक्रमण’’ और विरोध को ‘‘दबाने’’ के खिलाफ सड़कों पर उतरे। छात्रों ने पोस्टर ले रखे थे जिन पर संदेश लिखा था, ‘‘आपका राष्ट्रवाद हमारे लोकतंत्र से ऊपर नहीं है।’’ नॉर्थ कैंपस से कला संकाय की इमारत की तरफ जाने वाली सड़क पर आयोजित इस मार्च में प्रदर्शनकारी छात्रों में मुख्य रूप से एआईएसए जैसे वाम संगठन के छात्र शामिल थे। इन्होंने ‘‘एबीवीपी वापस जाओ’’ और ‘‘आजादी’’ जैसे नारे लगाए।
खालसा कॉलेज के गेट से शुरू हुए इस मार्च के रास्ते में आने वाले कॉलेजों के दरवाजे बंद थे। एक छात्र ने कहा, ‘‘हम बहस और चर्चा के लिए फिर से जगह हासिल करने के लिए मार्च कर रहे हैं। यह अहसमति के बावजूद सहअस्तित्व की स्वतंत्रता के बारे में है।’’ पिछले हफ्ते रामजस कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम के रद्द होने के बाद एबीवीपी और एआईएसए के बीच हुई हिंसक झड़प जैसी घटना दुबारा न हो इसके लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। पिछले कार्यक्रम का संघ समर्थित छात्र इकाई ने यह कहकर विरोध किया था कि इसमें जेएनयू के छात्र नेता उमर खालिद और शहला राशिद को आमंत्रित किया गया था। छात्रों के साथ मार्च कर रहे एक फैकेल्टी सदस्य ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय पर ‘‘कब्जा कर लिया गया’’ है और प्रशासन इसे रोकने के लिए काम नहीं कर रहा।
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