अब अपराधियों को पकड़ना होगा और आसान, पुणे में 18 पुलिसकर्मियों ने किया स्पेशल कोर्स

pune police
निधि अविनाश । May 25 2021 6:53PM

स्पेशल कोर्स में ग्रामीण पुलिस के 2, पुणे शहर पुलिस के 5, सीआईडी ​​के 10 और पुलिस अनुसंधान केंद्र के 1 पुलिस को शामिल किया गया था। इस पोर्ट्रेट मेकिंग कोर्स को पूरा करने में 55 दिनों में 275 घंटे लगे थे।

कोरोना महामारी के दौरान पुलिस इस समय कोरोना योद्धा बने हुए है। इस कठिन समय में 24 घंटे पुलिस अपनी ड्यूटी संभाल रहे है। इस बीच कोरोना के सभी नियमों का पालन करते हुए पुणे में 18 पुलिसकर्मियों ने एक विशेष कोर्स पूरा किया है। बता दें कि यह कोर्स सीआईडी राज्य पुलिस के आपराधिक जांच विभाग द्वारा लॉन्च की गई है। इन 18 पुलिसकर्मियों ने पोर्ट्रेट बिल्डिंग सेक्शन में संदिग्धों के स्केच तैयार करने का स्पेशल कोर्स किया है। जानकारी के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल ने 6 जुलाई, 2020 को पुणे में राज्य सीआईडी मुख्यालय के परिसर में स्थापित पोर्ट्रेट बिल्डिंग सेक्शन का उद्घाटन किया था। इस स्पेशल कोर्स का मकसद पुलिस कर्मियों के ड्राइंग स्कील को बढ़ावा देना और उन्हें संदिग्धों के स्केच तैयार करने में प्रशिक्षण देकर अपराध का पता लगाना है। इससे पुलिस को संदिग्धों का पता लगाने में काफी आसानी होगी।

इसे भी पढ़ें: कोरोना वैक्सीन का खौफ! यूपी के गांव में टीका लगाने से बचने के लिए नदी में कूदे ग्रामीण

प्रोफेसर गिरीश चारवाड़, जिन्होंने क्राइम जांच में स्केचिंग में पीएचडी किया हैं और जो पिछले 27 सालों से पुलिस विभाग के लिए संदिग्धों के स्केच तैयार कर रहे हैं, को स्पेशल कोर्स के लिए नियुक्त किया गया है। सीआईडी ​​अधिकारियों के साथ, चारवाड़ ने पुलिस के लिए एक पोट्रेट और एडवांस कोर्स तैयार किए। इसके साथ ही CID और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए। इस कोर्स को पूरा करने वाले पुलिस कर्मियों को एसपीपीयू द्वारा सर्टिफिकेट भी दिए गए। बता दें कि इस स्पेशल कोर्स में ग्रामीण पुलिस के 2, पुणे शहर पुलिस के 5, सीआईडी ​​के 10 और पुलिस अनुसंधान केंद्र के 1 पुलिस को शामिल किया गया था। इस पोर्ट्रेट मेकिंग कोर्स को पूरा करने में  55 दिनों में 275 घंटे लगे थे। बता दें कि इन 18 पुलिसकर्मियों ने अपना यह कोर्स कोरोना के नियमों का पालन करते हुए पूरा किया है। बता दें कि इन 18 पुलिसकर्मियों को सीसीटीवी फुटेज में देखे गए संदिग्धों की धुंधली तस्वीरों में आए आरोपियों की तस्वीरें उतारनी होती है और स्कैच बनाने का पूरा प्रशिक्षण दिया गया। कोर्स पूरा करने के बाद, 21 मई को कुलपति नितिन करमलकर और राज्य सीआईडी प्रमुख अतुलचंद्र कुलकर्णी की उपस्थिति में 18 पुलिसकर्मियों को एसपीपीयू प्रमाण पत्र दिए गए।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: चमोली, आसपास भूकंप के हल्के झटके, 4.3 दर्ज की गई तीव्रता

सीआईडी की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 83 पुलिस कर्मियों ने पोर्ट्रेट मेकिंग कोर्स के लिए अपना नाम दिया था। सीआईडी प्रमुख अतुलचंद्र कुलकर्णी ने कहा, “गंभीर अपराधों की संख्या बहुत बड़ी है और विशेषज्ञ स्केच कलाकार बहुत कम हैं। हमारे पास करीब 2.25 लाख का पुलिस बल है। यदि ड्राइंग कौशल रखने वाले पुलिस कर्मियों को चित्र बनाने का प्रशिक्षण दिया जाता है, तो वे अपराधों का पता लगाने में बहुत मददगार होंगे, यह किसी भी राज्य पुलिस एजेंसी द्वारा अपनी तरह की पहली गतिविधि है। केवल राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के पास ही ऐसा विंग है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़