2000 के नोट में देवनागरी के अंकों के इस्तेमाल पर विरोध खारिज
मद्रास उच्च न्यायालय की एक पीठ ने उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 2,000 रुपये के नये नोटों में देवनागरी के अंकों के इस्तेमाल के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया गया था।
मदुरै। मद्रास उच्च न्यायालय की एक पीठ ने यहां उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 2,000 रुपये के नये नोटों में देवनागरी के अंकों के इस्तेमाल के केंद्र के फैसले पर सवाल उठाया गया था। न्यायमूर्ति ए सेल्वम और न्यायमूर्ति पी कलैयारसन ने शहर के निवासी के पी टी गणेशन द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी, हालांकि उन्होंने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय का रूख कर सकते हैं। न्यायाधीशों ने केंद्र सरकार की दलील सुनने के बाद याचिका खारिज की जिसमें कहा गया कि उच्चतम न्यायालय में इस तरह के मामले दायर किए गए हैं और वहां लंबित हैं।
गणेशन ने अदालत से कहा था कि नये नोटों को अमान्य घोषित कर देना चाहिए क्योंकि संविधान नोटों में देवनागरी के अंकों के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं देता। उन्होंने कहा कि नोटों ने संविधान का ‘‘उल्लंघन’’ किया है जिसमें कहा गया है कि ‘‘संघ के आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अंकों का स्वरूप केवल भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय स्वरूप में होना चाहिए।’’
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