हजारों बार डांसर्स की जिंदगी फिर होगी शुरु, कार्यकर्ताओं ने SC के फैसले का किया स्वागत
भारतीय बार गर्ल्स संघ की अध्यक्ष वर्षा काले ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राज्य के अधिकारी डांस बार को लाइसेंस जारी करना शुरू कर देंगे ताकि हजारों बार डांसर वापस लौट सकें और अपनी जिंदगी शुरू कर सकें।
मुम्बई। महाराष्ट्र में डांस बार खोलने की अनुमति देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले का सामाजिक कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया है। उच्चतम न्यायालय ने फैसले में कहा कि डांस बार के लिए ‘‘विनियमन’’ हो सकता है लेकिन इस पर ‘पूरी तरह प्रतिबंध’ नहीं लगाया जा सकता। साथ ही अदालत ने 2016 के कानून के कुछ प्रावधानों को दरकिनार कर दिया, जिसमें लाइसेंसिंग एवं कामकाज को लेकर प्रतिबंध लगाए गए थे। भारतीय बार गर्ल्स संघ की अध्यक्ष वर्षा काले ने उच्चतम न्यायालय के फैसले को बड़ी ‘‘जीत’’ करार दिया है। वह बार डांसर्स के हितों की लड़ाई लड़ती रही हैं।
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उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कई बार जीते (विभिन्न अदालतों में) लेकिन यह जीत बड़ी है। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि राज्य के अधिकारी डांस बार को लाइसेंस जारी करना शुरू कर देंगे ताकि हजारों बार डांसर वापस लौट सकें और अपनी जिंदगी शुरू कर सकें।’ काले ने कहा कि डांस बार में उस समय 75 हजार से अधिक महिलाएं रोजगार पाती थीं जब राज्य सरकार ने 2005 में कथित तौर पर अश्लीलता को बढ़ावा देने का अरोप लगाते हुए उन्हें बंद करने का निर्णय किया था। उन्होंने दावा किया कि 40 हजार महिलाओं ने जहां यह पेशा छोड़ दिया और जीविका के लिए दूसरे काम करने लगीं वहीं करीब 35 हजार महिलाएं अब भी विभिन्न होटलों में वेटर और गायिका का काम करती हैं।
Mumbai Dance bar matter: Supreme Court quashed a rule that segregated dancing stage from the bar area where drinks are served. The Court has also struck down a condition by which dance bars should be 1 km away from educational and religious places. https://t.co/qqJZ9qpBlg
— ANI (@ANI) January 17, 2019
पूर्व नौकरशाह एवं सामाजिक कार्यकर्ता आभा सिंह ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को ‘‘प्रगतिशील’’ बताया और कहा कि राज्य सरकार डांस बार को विनियमित कर सकती है लेकिन उसे पूरी तरह नहीं रोक सकती। डांस बार फिर से खोलने के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले मनजीत सिंह सेठी ने भी निर्णय का स्वागत किया। डांस बार मालिक संगठन के पूर्व अध्यक्ष सेठी ने कहा कि इससे हजारों बार डांसर को गरिमामय तरीके से जीने में सहयोग मिलेगा। भाजपा के स्थानीय नेता प्रेम शुक्ला ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार कानूनी विशेषज्ञों से राय लेगी।
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उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में होटल, रेस्तरां और बार रूम्स में अश्लील नृत्य पर प्रतिबंध तथा महिलाओं की गरिमा की रक्षा अधिनियम 2016 के कुछ प्रावधानों को खारिज कर दिया। इसमें डांस बार में सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे प्रावधान को खारिज करते हुए कहा कि इससे निजता का उल्लंघन होता है।
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