Air India crash: मुआवजे से नहीं मिटा विश्वाशकुमार का दर्द, बोले- मेरा जीवन बिखर गया

अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे के एकमात्र जीवित बचे विश्वाशकुमार रमेश का जीवन, अपने भाई को खोने के बाद, पूरी तरह बिखर गया है। इस त्रासदी ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ दिया है, जिसके चलते वे एयर इंडिया से उनके जीवन को पटरी पर लाने के लिए पर्याप्त मुआवजे और सीधी बातचीत की मांग कर रहे हैं।
एयर इंडिया विमान हादसा एक बार फिर खबरों मे आया है, लेकिन इस बार कहानी विशेष रूप से विचलित करने वाली है। 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान दुर्घटना में 241 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि केवल एक व्यक्ति विश्वाशकुमार रमेश इस दुखद हादसे में जीवित बच सके हैं। मगर इस ‘चमत्कार’ के पीछे उनका जीवन टूट चुका है, क्योंकि इसी हादसे में उन्होंने अपने भाई अजयकुमार को भी खो दिया है।
बता दें कि विश्वाशकुमार 11ए सीट पर बैठे थे, जो आपातकालीन निकास द्वार के पास थी। विमान टेकऑफ़ के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ और एक मेडिकल हॉस्टल बिल्डिंग से जा टकराया। किसी तरह उन्होंने विमान से छलांग लगाकर जान बचाई, जबकि उनके भाई की मौके पर ही मौत हो गई। मौजूद जानकारी के अनुसार, इस हादसे के बाद विश्वाशकुमार गहरे सदमे में हैं और उनकी ज़िंदगी पूरी तरह बिखर गई है।
उनका कहना है कि हादसे के बाद से वे मानसिक और शारीरिक तौर पर बेहद टूट गए हैं। वह अब घर से बाहर नहीं निकलते और पूरा समय कमरे में अकेले बिताते हैं। ब्रिटेन के लीसेस्टर में अपने परिवार के साथ रहने वाले विश्वाशकुमार ने स्काई न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि वे अब भी अपने भाई के बारे में ही सोचते रहते हैं। उनके मुताबिक, हादसे के बाद से उनके बेटे से भी उनका व्यवहार बदल गया है और वह उससे ठीक से बात नहीं कर पा रहे हैं।
गौरतलब है कि उनके इलाज के दौरान एयर इंडिया ने उन्हें करीब 21,500 पाउंड (लगभग 21.9 लाख रुपये) की अंतरिम सहायता राशि दी है, लेकिन उनके परिवार और सलाहकारों का कहना है कि यह रकम उनके जीवन को पटरी पर लाने के लिए पर्याप्त नहीं है। विश्वाशकुमार और उनके भाई ने अपनी सारी जमा पूंजी मिलकर भारत में एक मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन दुर्घटना के बाद वह भी ठप पड़ गया है।
वहीं, टाटा समूह के वरिष्ठ अधिकारी और एयर इंडिया के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे हादसे से प्रभावित परिवारों के साथ लगातार संपर्क में हैं और ज़रूरी सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, विश्वाशकुमार के प्रतिनिधि एयर इंडिया के CEO से सीधी बातचीत की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपनी समस्याओं को सामने रख सकें।
बता दें कि इस विमान हादसे में न सिर्फ 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हुई, बल्कि ज़मीन पर मौजूद 19 अन्य लोगों की भी जान चली गई थी। यह घटना भारत के हालिया इतिहास में सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक मानी जा रही है, जिसके घाव अभी भी हरे हैं और सवाल का जवाब अभी अधुरा हैं।
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