फिर रक्षाबंधन मना सकते हैं बसपा और भाजपा: अखिलेश
अखिलेश ने मतदाताओं को भाजपा और बसपा से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि ये दोनों दल चुनाव बाद के गठबंधन की भावना को व्यक्त करने के लिए फिर रक्षाबंधन मना सकते हैं।
बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज मतदाताओं को भाजपा और बसपा से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि ये दोनों दल चुनाव बाद के गठबंधन की भावना को व्यक्त करने के लिए एक बार फिर ‘रक्षाबंधन’ मना सकते हैं। अखिलेश ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि बुआजी (मायावती) कहती हैं कि वह बहुमत नहीं मिलने की सूरत में विपक्ष में बैठना पसंद करेंगी। ‘‘आप सबको (मतदाता) सतर्क रहने की जरूरत है। वे पहले भी रक्षाबंधन मना चुके हैं। वह (मायावती) एक बार फिर भाजपा के साथ यह त्यौहार मना सकती हैं।’’
अखिलेश का इशारा बसपा और भाजपा की पूर्व की गठबंधन सरकार की ओर था, जब मायावती ने लालजी टंडन जैसे भाजपा नेताओं के हाथ पर राखी बांधी थी। सपा मुखिया ने वोटरों को बसपा के प्रति आगाह करते हुए कहा कि जो पार्टी धन के बदले टिकट देती है, वह भविष्य में धन के लिए कोई भी फैसला कर सकती है। मंत्रिमंडलीय सहयोगी और वर्तमान विधायक अरविन्द सिंह गोप के लिए हैदरगढ़ सीट से वोट मांगने आये अखिलेश ने कहा कि गोप हमेशा से उनके विश्वासपात्र रहे हैं और इन चुनावों में वह उन्हें टिकट से मना नहीं कर सकते थे।
वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वरिष्ठों का सम्मान अलग बात है लेकिन ‘‘मैं उस व्यक्ति को कैसे टिकट से कैसे इंकार कर सकता हूं, जो हमेशा मेरे सबसे बुरे वक्त में मेरे साथ खड़ा रहा।’’ बेनी अपने बेटे के लिए हैदरगढ़ सीट से टिकट मांग रहे थे। अखिलेश ने कहा कि उन्होंने पड़ोस की रामनगर सीट की पेशकश की थी और यह भी कहा था कि सारे संसाधन लगाने पड़ जाएं तो भी जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उनकी (अखिलेश) होगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने वह दिन भी देखा है जब मुझे पार्टी से बाहर निकाल दिया गया। यदि साइकिल निशान मुझसे छिन जाता तो मैं किसी कोने में बैठा होता।’’ कांग्रेस से गठबंधन पर मुख्यमंत्री बोले कि सांप्रदायिक शक्तियों को हराने के लिए यह गठजोड़ किया गया है। ‘‘दो युवाओं के बीच का यह गठबंधन देश की राजनीति बदल देगा।’’
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