अमेरिकी वीजा के लिए पूरी जानकारी देते हैं, आधार का विरोध करते हैंः अल्फोंस
आधार के आलोचकों पर निशाना साधते हुए सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अल्फोंस कनन्नथानम ने कहा है कि लोगों को वीजा के लिए आवेदन करते समय अमेरिका जैसे बाहरी देशों को अपना ब्यौरा देने में दिक्कत नहीं।
आधार के आलोचकों पर निशाना साधते हुए सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अल्फोंस कनन्नथानम ने कहा है कि लोगों को वीजा के लिए आवेदन करते समय अमेरिका जैसे बाहरी देशों को अपना ब्यौरा देने में दिक्कत नहीं लेकिन जब उनसे आधार के लिए सामान्य जानकारी मांगी जाती है तो वे इसे गोपनीयता का उल्लंघन कहते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत लाभान्वितों को भुगतान उनके आधार से जुड़े खातों में कर रही है ताकि धन की हेरफर रोकी जा सके।
खुद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका के लिए वीजा आवेदन के लिए उन्हें दस पन्ने का फार्म भरना पड़ा जिसमें उनके दादा दादी से लेकर शादी की तारीख व अब तक यात्रा किए देशों सहित तमाम जानकारी मांगी गई। उन्होंने कहा कि इस दौरान सोशल मीडिया फेसबुक या व्हाटसएप पर उपस्थिति सहित तमाम तरह की जानकारी मांगी गई और दी गई। उन्होंने कहा, ‘हमें यह जानकारी अमेरिकियों, ब्रिटेन या यूरोपीय देशों... दुनिया के किसी भी देश को देने में कोई दिक्कत नहीं... लेकिन जब भारत सरकार आपसे आधार के लिए नाम, पता व जन्म तारीख जैसी सामान्य जानकारी मांगती है तो आपको बड़ी दिक्कत हो जाती है। कुछ लोगों को लगता है कि यह उनकी निजता व सुरक्षा से समझौता है।’
वे बुधवार को यहां एपीसीईआरटी के पहले सत्र को संबोधित कर रहे थे। विधि व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘कोई गरीब आधार के खिलाफ नहीं है। अगर किसी गरीब के पास आधार नहीं तो उसे खाने से वंचित नहीं किया जाएगा। हालांकि मैं देखता हूं कि जो आधार का विरोध करते हैं, उनमें से ज्यादातर आरटीआई का समर्थन करते हैं।'
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