नसबंदी की तरह गुस्सा बाद में सामने आएगाः चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा कि महाराष्ट्र के नतीजों को नोटबंदी पर जनमत संग्रह की तरह नहीं देखें। उन्होंने कहा कि संभव है कि आपातकाल के दौरान नसबंदी की तरह लोगों का गुस्सा बाद में देखने को मिले।
हैदराबाद। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि महाराष्ट्र स्थानीय चुनावों के नतीजों को नोटबंदी पर जनमत संग्रह की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संभव है कि आपातकाल के दौरान नसबंदी की तरह लोगों का गुस्सा बाद में देखने को मिले। भाजपा ने मुंबई समेत महाराष्ट्र भर में नगर निकाय चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है।
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह दिखलाता है कि भारतीय लोग बहुत अधिक धैर्यवान हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि गुस्सा नहीं है। आपातकाल के दौरान आम तौर पर ऐसी धारणा बनी थी कि नसबंदी लोगों पर थोपी गयी है। कहीं भी गलियों में प्रदर्शन नहीं हुआ..लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया।’’
चिदंबरम ने एक सत्र के दौरान कहा, ‘‘नसबंदी को लेकर गुस्से के बारे में जो अनुमान लगाया गया था, वह सच था। लोगों का गुस्सा जायज था और उन्होंने उचित समय पर उसका इजहार भी किया। किसी भी एक मुद्दे पर किसी चुनाव में जनमत संग्रह नहीं हो सकता।’’
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