संसद सत्र नहीं बुला रही सरकार, राष्ट्रपति हस्तक्षेप करेंः कांग्रेस
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गुजरात विधानसभा चुनाव के कारण संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी करने का आरोप लगाते हुये राष्ट्रपति से इस पर संज्ञान लेने की अपील की है।
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर गुजरात विधानसभा चुनाव के कारण संसद के शीतकालीन सत्र को बुलाने में देरी करने का आरोप लगाते हुये राष्ट्रपति से इस पर संज्ञान लेने की अपील की है। कांग्रेस प्रवक्ता राजीव शुक्ला ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था को हुये नुकसान के मुद्दों पर गुजरात विधानसभा चुनाव होने तक संसद में बहस से बचने के लिये शीतकालीन सत्र को आहूत करने में देरी कर रही है।
उन्होंने कहा कि संसद सत्र को आहूत करने जैसी लोकतांत्रिक संवैधानिक अनिवार्यता को पूरा करने से सरकार द्वारा बचने के मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को तत्काल संज्ञान लेना चाहिये। शुक्ला ने कहा कि संसद सत्र की समयावधि पर फैसला करने वाली राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) की अब तक बैठक भी नहीं हुयी है। उन्होंने दलील दी कि प्रचलित परंपरा के मुताबिक सीसीपीए संसद सत्र आहूत होने से कम से कम 15 दिन पहले इसकी तारीख निर्धारित कर देती है।
पूर्व संसदीय कार्य मंत्री शुक्ला ने कहा कि अब तक शीतकालीन सत्र की तारीख तय नहीं हो पाना यह बताता है कि सरकार गुजरात चुनाव के भय से शीतकालीन सत्र को विलंबित कर रही है। उन्होंने कहा कि साल 2012 और 2007 में गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी संसद का शीतकालीन सत्र समय से आहूत किया गया था। शुक्ला ने कहा कि सरकार नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था तथा जनसामान्य को हुये भारी नुकसान का मुद्दा संसद में उठाने के अधिकार से विपक्ष को रोकने के लिये सत्र आहूत नहीं कर रही है। उन्होंने सरकार की इस कवायद को लोकतंत्र के लिये खतरे का संकेत बताया।
हिंदी फिल्म पद्मावती पर छाये विवाद के सवाल पर शुक्ला ने कहा कि देश में सामाजिक सौहार्द और कानून व्यवस्था बरकरार रखने के मद्देनजर सरकार को दोनों पक्षों की बात सुनकर विवाद को सुलझाना चाहिये। उन्होंने कहा कि विभिन्न समुदायों द्वारा सिनेमाहाल जलाने जैसी धमकियां खुले आम देने की नौबत आ गयी है। सरकार विवाद को सुलझाने के बजाय मौन व्रत धारण किये बैठी है।
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