विधानसभा अध्यक्ष एक तरह का ‘मार्शल लॉ’ लागू कर रहे हैं : Mehbooba Mufti

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका विधानमंडल के सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है, ना कि ‘सेंसर’ (नियंत्रक) की तरह काम करना है। उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर द्वारा बजट सत्र से पहले सदन के कामकाज के नोटिस के प्रचार को गंभीरता से लेने के बाद आई है।
श्रीनगर । पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की भूमिका विधानमंडल के सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है, ना कि ‘सेंसर’ (नियंत्रक) की तरह काम करना है। उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर द्वारा बजट सत्र से पहले सदन के कामकाज के नोटिस के प्रचार को गंभीरता से लेने के बाद आई है। विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों से विशेषाधिकार हनन से दूर रहने को कहा है।
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने राथर पर संवैधानिक पद पर रहते हुए एक तरह का ‘मार्शल लॉ’ लागू करने का आरोप लगाया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘राथर साहब भले ही विधायी कार्यवाही की पवित्रता को बनाए रखने के बारे में चिंतित हों, लेकिन अध्यक्ष के तौर पर उनकी प्राथमिक भूमिका सदस्यों के अधिकारों की रक्षा करना है, न कि‘सेंसर’ की तरह काम करना है।’’
उन्होंने कहा कि विधायी गतिविधियों के बारे में पारदर्शिता और जन जागरूकता को संसदीय प्रथाओं के उल्लंघन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसके विपरीत, नोटिस, प्रश्नों और प्रस्तावों के बारे में जनता को पहले से सूचित करना जवाबदेही को बढ़ावा देता है। हाल ही में वक्फ विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण संसदीय विधेयकों पर महीनों तक सार्वजनिक रूप से बहस होती रही।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से ऐसा प्रतीत होता है कि संवैधानिक पद पर रहते हुए राथर साहब एक तरह का ‘मार्शल लॉ’ लागू कर रहे हैं।
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