बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिये बंद, चारधाम यात्रा का हुआ समापन

Badrinath, Chardham Tour closed for winter

हल्की बर्फ और बूंदाबांदी के बीच उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बन्द हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, बद्रीनाथ मन्दिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत सैकडों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच चमोली जिले में स्थित मन्दिर के कपाट बन्द होने की अन्तिम रस्म पूरी की गई।

गोपेश्वर। हल्की बर्फ और बूंदाबांदी के बीच उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित भगवान बद्री विशाल के कपाट शीतकाल के लिए बन्द हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, बद्रीनाथ मन्दिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत सैकडों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच चमोली जिले में स्थित मन्दिर के कपाट बन्द होने की अन्तिम रस्म पूरी की गई। इसके बाद मन्दिर के गर्भगृह से आदिगुरू शंकराचार्य की डोली समेत भगवान उद्वव और कुबेर की उत्सव डोलियां शीतकालीन पड़ावों के लिए बाहर निकली। उत्सव यात्रा कल सुबह बद्रीनाथ और बामणी गांव से पाण्डुकेश्वर के लिए निकलेगी। सुबह से ही बद्रीनाथ मन्दिर में उत्सव सा माहौल बना हुआ था।

मन्दिर के सिंहद्वार के समीप परम्परागत वाद्य-यंत्रों के साथ सेना के बैण्डों की मधुर धुन से बद्रीनाथ मन्दिर परिसर गुंजायमान था। इसी के साथ कपाट बन्द होने से पूर्व होने वाली परम्परागत पूजाएं चलती रही। बद्रीनाथ के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने इस मौके पर लक्ष्मी मन्दिर से लक्ष्मी की मूर्ति को भगवान बद्री विशाल के साथ गर्भगृह में स्थापित किया और गर्भगृह से उद्वव तथा कुबेर की मूर्तियां शीतकालीन पड़ाव के लिए बाहर निकाली। इस मौके पर स्थानीय देवी-देवताओं को अवतरित करने की परम्परागत पूजा भी मन्दिर के अंदर सम्पन्न हुई।

भगवान बद्री विशाल की पूजा के बाद घृत-कंबल की परम्परा का निर्वहन किया गया। इसमें मुख्य पूजारी ने भगवान की मूर्ति को ऊन से विशेष रूप से तैयार कपड़े और घी से सजाया गया। बद्रीनाथ मन्दिर परिसर और मन्दिर को ताजे फूलों से सजाया गया था। आसमान में बादल छाये रहने और बर्फीली हवाओं के बावजूद पूरे देश से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु इस मौके पर बद्रीनाथ में मौजूद रहे।

उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित चारों धामों, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट शीतकाल में भारी सर्दी के कारण हर साल अक्तूबर- नवंबर में श्रद्धालुओं के लिये बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल दोबारा अप्रैल—मई में खुलते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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