केंद्र सरकार ने कर ली है फिल्मों के सर्टिफिकेशन में बदलाव की तैयारी, उल्लंघन करने पर हो सकती है 3 साल की जेल

central govt to change film certification

सरकार ने 1952 के सिनेमैटोग्राफ कानून में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि इस कानून में संशोधन के बाद सरकार के पास रिविजनरी शक्ति आ जाएगी। जिससे सरकार के पास सेंट्रल बॉर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से मंजूरी पा चुकी फिल्मों को दोबारा जांच करने की शक्ति मिल जाएगी।

केंद्र सरकार ने फिल्मों के सर्टिफिकेशन में बदलाव की कवायद शुरु कर दी है। हाल ही में सरकार ने सिनेमैटोग्राफ बिल 2021 पर जनता की राय मांगी थी। इस प्रस्ताव को रिलीज कर सरकार ने 2 जुलाई तक जवाब मांगा है। इसके जरिए सरकार ने 1952 के सिनेमैटोग्राफ कानून में बदलाव का प्रस्ताव रखा है। बता दें कि इस कानून में संशोधन के बाद सरकार के पास रिविजनरी शक्ति आ जाएगी। जिससे सरकार के पास सेंट्रल बॉर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन से मंजूरी पा चुकी फिल्मों को दोबारा जांच करने की शक्ति मिल जाएगी। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मौजूदा कानून में एक प्रावधान जोड़ने का प्रस्ताव रखा है, जो सरकार को धारा 5B(1) के उल्लंघन पर सरकार को फिल्म को फिर से जांचने की शक्ति देगा। 

सरकार पलट सकेगी बोर्ड का फैसला  

मौजूदा कानून की धारा 6, पहले से ही केंद्र को किसी फिल्म के सर्टिफिकेशन के संबंध में कार्यवाही के रिकॉर्ड की जांच की अनुमति देती है। वहीं मंत्रालय ने ये भी साफ किया है कि प्रस्तावित संशोधन ‘का मतलब है कि अगर कभी ऐसी स्थिति आती है, तो केंद्र सरकार के पास बोर्ड के फैसले को उलटने की शक्ति होगी।’ मंत्रालय की तरफ से कानून में एक और प्रावधान शामिल करने का प्रस्ताव रखा गया है। जिसके तहत सेक्शन 5B(1) का उल्लंघन होने पर, अगर केंद्र सरकार को जरूरी लगे तो वो बोर्ड के चेयरमैन को फिल्म को दोबारा जांचने का निर्देश दे सकती है।

अनाधिकृत रिकॉर्डिंग को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव

मंत्रालय ने 6AA जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा है, जो अनाधिकृत रिकॉर्डिंग को प्रतिबंधित करेगा। इसके तहत अगर उल्लंघन पाया गया तो जेल की सजा तक हो सकती है। प्रस्ताव के मुताबिक, इस धारा का उल्लंघन करने पर कम से कम तीन महीने की जेल हो सकती है, जो तीन साल तक भी बढ़ाई जा सकती है। साथ ही कम से कम 3 लाख रुपये का जुर्माना लगाने की भी बात कही गई है और ये जुर्माना ऑडिट ग्रॉस प्रोडक्शन कॉस्ट का 5 प्रतिशत तक हो सकता है।

उम्र के हिसाब से होगा फिल्मों का सर्टिफिकेशन

वहीं मंत्रालयों की ओर से तैयार किए गए खाका में फिल्मों को उम्र के हिसाब से सर्टिफिकेट देने का प्रस्ताव है। आपको बता दें कि इस समय फिल्मों को तीन कैटेगरी में बांटा जाता है- गैर-प्रतिबंधित पब्लिक मतलब सभी के लिए U, U/A 12 उम्र से कम बच्चों को माता-पिता के मार्गदर्शन की जरूरत होगी, और एडल्ट फिल्मों के लिए A। वहीं नए प्रस्ताव में उम्र के आधार पर 7+ के लिए U/A, 13+ के लिए U/A और 16+ के लिए U/A सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

सरकार की तरफ से फिल्म सर्टिफिकेट अपीलेट ट्रिब्यूनल को भी खत्म कर दिया गया है। ये फिल्ममेकर्स के लिए सेंसर बोर्ड की तरफ से मिले सर्टिफिकेट के खिलाफ अपील करने का एक आखिरी जरिया था। वहीं अगर सबकुछ ठीक रहता है तो संशोधित कानून संसद में पास हो जाएगा और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के नियमों में बदलाव हो जाएगा

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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