मुख्यमंत्री ने केंद्र से रोपवे और परिवहन के अपरंपरागत तरीकों पर जीएसटी घटाने का आग्रह किया

Jai Ram Thakur

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अवगत कराया है कि राज्य सरकार नेयात्रियों और सामान के परिवहन के लिए रोपवे की अवधारणा के उपयोग का निर्णय लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य उन छूटी हुई बस्तियों को जोड़ना है जहां सड़कों का निर्माण पर्यावरण और आर्थिक दृष्टि से संभव नहीं है। इसका उद्देश्य पर्यटकों के आकर्षण के नए स्थानों को जोड़ना और रोजगार सृजन व आर्थिक विकास के लिए पर्यटन की दृष्टि से नए अवसरों का पता लगाना है। एक अन्य उद्देश्य पूरे राज्य में आवश्यकता के अनुसार फस्र्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करना है

शिमला ।  हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र से आग्रह किया है कि पांच प्रतिशत जीएसटी के अंतर्गत आने वाली सेवाओं की श्रेणी में रोपवे और परिवहन के अन्य अपरंपरागत तरीकों से संबंधित एक विशिष्ट प्रविष्टि को जोड़कर जीएसटी परिषद् को जीएसटी दर 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने पर विचार करना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रिवालसर को नागरिक अस्पताल में स्तरोन्नत करने की घोषणा, पुलिस चैकी रिवालसर का दर्जा बढ़ाकर पुलिस थाना किया

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में, मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने अवगत कराया है कि राज्य सरकार नेयात्रियों और सामान के परिवहन के लिए रोपवे की अवधारणा के उपयोग का निर्णय लिया है। इस निर्णय का उद्देश्य उन छूटी हुई बस्तियों को जोड़ना है जहां सड़कों का निर्माण पर्यावरण और आर्थिक दृष्टि से संभव नहीं है। इसका उद्देश्य पर्यटकों के आकर्षण के नए स्थानों को जोड़ना और रोजगार सृजन व आर्थिक विकास के लिए पर्यटन की दृष्टि से नए अवसरों का पता लगाना है। एक अन्य उद्देश्य पूरे राज्य में आवश्यकता के अनुसार फस्र्ट और लास्ट माइल कनेक्टिविटी प्रदान करना है।

इसे भी पढ़ें: हिमाचल प्रदेश के लिए शीघ्र घोषित होगी नई खेल नीतिः राकेश पठानिया

जय राम ठाकुर ने कहा है कि हिमाचल सरकार ने राज्य में रोपवे और अन्य परिवहन प्रणालियों के निर्माण के लिए एकल नोडल एजेंसी के रूप में परिवहन विभाग के अंतर्गत रोपवे और रैपिड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम डेवलपमेंट काॅरपोरेशन (आरटीडीसी) बनाया है। इसलिए, रोपवे न केवल पर्यटकों के आकर्षण के रूप में कार्य करेगा बल्कि इन क्षेत्रों में यातायात को नियंत्रित करने के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में परिवहन का स्थायी साधन प्रदान करने में भी मदद करेगा।

इसे भी पढ़ें: मुख्यमंत्री ने बल्ह विधानसभा क्षेत्र के लिए 172.10 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि जीएसटी अनुसूचियों की विशिष्ट प्रविष्टि के अंतर्गत रोपवे और परिवहन के अन्य अपरंपरागत तरीकों को अलग से परिभाषित नहीं किया गया है। इस सेवा पर जीएसटी (9 प्रतिशत एसजीएसटी और 9 प्रतिशत सीजीएसटी) या 18 प्रतिशत आईजीएसटी लगाया जा रहा है जिससे परिवहन के इस साधन पर माल ढुलाई में काफी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि रोपवे यात्री और परिवहन सामग्री परिवहन के सबसे सुरक्षित साधनों में से एक हैं और कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए पर्यावरण के अनुकूल समाधान भी हैं। इसलिए, रोपवे परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर पारगमन के लिए वित्तीय रूप से व्यवहार्य बनाने के लिए रोपवे और परिवहन प्रणाली के अन्य अपरंपरागत तरीकों पर जीएसटी दरों को पारंपरिक सड़क परिवहन के साथ समान किया जाना चाहिए ताकि रोपवे परियोजनाओं में निवेश प्राप्त हो और बड़े पैमाने पर जनता इन परियोजनाओं से लाभान्वित हो।

अपने पत्र में उन्होंने यह भी उल्लेख किया है कि हिमाचल प्रदेश राजस्व घाटे वाले राज्यों में एक है जहां राजस्व अंतर पचास प्रतिशत से अधिक है। राज्य में बड़े पैमाने पर रोपवे की स्थापना से राज्य में काफी संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे जो राज्य के आर्थिक विकास में सहायक होगा। इससे राज्य की राजस्व प्राप्ति में भी वृद्धि होगी जिससे राजस्व अंतर को कम करने में मदद मिल सकती है।

इसे भी पढ़ें: राष्ट्रीय सर्वे में हिमाचल में कांग्रेस की बढ़त का श्रेय कार्यकर्ताओं को-कांग्रेस प्रवक्ता बोले- सर्वे कुलदीप राठोर के नेतृत्व में कांग्रेस की मजबूती को दर्शाता है

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हाल ही में आयोजित जीएसटी परिषद् की बैठक में शामिल हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव आबकारी एवं कर विभाग जे.सी शर्मा ने आज यहां बताया कि बैठक में जीएसटी दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने पर चर्चा की गई। राज्य के अनुरोध पर जीएसटी परिषद् ने राज्यों के परामर्श से प्रस्ताव पर फिर से विचार करने के लिए मामला फिटमेंट कमेटी को भेजा है। राज्य कर और उत्पाद शुल्क और परिवहन विभाग प्रस्ताव के पक्ष में समिति के समक्ष विस्तृत प्रस्तुति देंगे।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़