इस प्रकिया के तहत जल्द ही भारत लौट आएंगे MIG 21 के लापता पायलट

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[email protected] । Feb 27 2019 8:49PM

जिनेवा संधि कहती है कि वह हिंसा की किसी भी कार्रवाई के साथ-साथ डराने, अपमानित करने और सार्वजनिक नुमाइश से पूरी तरह से सरंक्षित हैं।

 नयी दिल्ली। भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को पाकिस्तान द्वारा बुधवार को हिरासत में लेने का मामला 1929 की जिनेवा संधि के तहत आएगा। उनके विमान को गिराए जाने के बाद पाकिस्तान ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्विटर पर कहा, ‘‘ पाकिस्तानी सेना की हिरासत में सिर्फ एक पायलट है। विंग कमांडर अभिनंदन के साथ सैन्य आचरण के मुताबिक सलूक किया जा रहा है।’’ युद्ध बंदियों का सरंक्षण (पीओडब्ल्यू) करने वाले नियम विशिष्ट हैं। इन्हें पहले 1929 में जिनेवा संधि के जरिए ब्यौरे वार किया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध से सबक सीखते हुए 1949 में तीसरी जिनेवा संधि में उनमें संशोधन किया गया था।

नियमों के मुताबिक, जंगी कैदी का संरक्षण का दर्जा अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र संघर्षों में ही लागू होता है। संधि के मुताबिक, युद्ध बंदी वह होते हैं जो संघर्ष के दौरान आमतौर पर किसी एक पक्ष के सशस्त्र बलों के सदस्य होते हैं जिन्हें प्रतिद्वंद्वी पक्ष अपनी हिरासत में ले लेता है। यह कहता है कि पीओडब्ल्यू को युद्ध कार्य में सीधा हिस्सा लेने के लिए उन पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है। इसके मुताबिक, उनकी हिरासत सज़ा के तौर पर नहीं होती है बल्कि इसका मकसद संघर्ष में उन्हें फिर से हिस्सा लेने से रोकना होता है। युद्ध खत्म होने के बाद उन्हें रिहा किया जाना चाहिए और बिना किसी देरी के वतन वापस भेजना चाहिए। 

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हिरासत में लेने वाली शक्ति उनके खिलाफ संभावित युद्ध अपराध के लिए मुकदमा चला सकती है लेकिन हिंसा की कार्रवाई के लिए नहीं जो अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के तहत विधिपूर्ण है। नियम साफतौर पर कहते हैं कि जंगी कैदियों के साथ हर परिस्थिति में मानवीय तरीके से सलूक किया जाना चाहिए। जिनेवा संधि कहती है कि वह हिंसा की किसी भी कार्रवाई के साथ-साथ डराने, अपमानित करने और सार्वजनिक नुमाइश से पूरी तरह से सरंक्षित हैं।

भारत ने पाकिस्तान से भारतीय पायलट की तत्काल और सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने को कहा

भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के कार्यवाहक उच्चायुक्त को तलब किया और दोनों देशों की वायुसेनाओं के बीच हवाई झड़प के बाद पाकिस्तान द्वारा हिरासत में लिए गए भारतीय पायलट की तत्काल और सुरक्षित वापसी की मांग की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया गया है कि भारतीय रक्षाकर्मी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि उसने अंतरराष्ट्रीय मानवता कानून और जिनेवा संधि के विपरीत किसी घायल कर्मी को ‘‘अशोभनीय रूप से दिखाए जाने पर’’ पड़ोसी देश के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है।

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पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास दोनों पक्षों की वायुसेनाओं के बीच भीषण झड़प के बाद विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान को हिरासत में ले लिया। इस झड़प में पाकिस्तान के एक विमान को मार गिराया गया और भारतीय वायुसेना को भी अपना एक मिग 21 खोना पड़ा। विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया गया है कि वह सुनिश्चित करे कि उसकी हिरासत में भारतीय रक्षाकर्मी को कोई नुकसान न पहुंचे। भारत उसकी (अपने पायलट) तत्काल और सुरक्षित वापसी की भी उम्मीद करता है।’’ 

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