नेताओं को पैसे देने के मामले से कर्नाटक में विवाद

[email protected] । Feb 25 2017 11:08AM

मुख्यमंत्री एस सिद्धारमैया के एक राजनीतिक सहयोगी की ओर से डायरी में की गई कथित प्रविष्टियों के मुद्दे पर कर्नाटक में राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया है।

बेंगलूरु। मुख्यमंत्री एस सिद्धारमैया के एक राजनीतिक सहयोगी की ओर से डायरी में की गई कथित प्रविष्टियों के मुद्दे पर कर्नाटक में राजनीतिक हंगामा खड़ा हो गया है। प्रविष्टियों से कथित तौर पर ऐसे संकेत मिलते हैं कि राज्य के मंत्रियों ने कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं को पैसे दिए। इस मामले में भाजपा ने विधानसभा भंग कर नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की है। सिद्धारमैया के संसदीय सचिव के. गोविंदराजू की डायरी की कथित प्रविष्टियों में कांग्रेस के कुछ नेताओं के नामों से मिलते-जुलते शॉर्ट फॉर्म दिखाए गए हैं और ऐसा दावा किया जा रहा है कि उन्हें करोड़ों रूपए का भुगतान किया गया।

इस डायरी की प्रविष्टियों का खुलासा मीडिया की ओर से किया गया। आयकर विभाग ने मार्च 2016 में विधान परिषद के सदस्य गोविंदराजू के आवास पर छापेमारी की थी, जिसमें कई दस्तावेज बरामद किए गए। गोविंदराजू ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को पैसे देने के आरोपों से इनकार किया है और कहा कि डायरी से उनका कोई लेना-देना नहीं हैं और मीडिया की ओर से दिखाई जा रही लिखावट उनकी नहीं है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने हाल में दावा किया था कि सिद्धारमैया सरकार के कई बड़े नामों ने कांग्रेस आलाकमान को बड़ी रकम का भुगतान किया। पिछले कई हफ्तों से डायरी के मुद्दे पर सिद्धारमैया को निशाना बना रहे येदियुरप्पा ने मांग की कि मुख्यमंत्री विधानसभा भंग करें और लोगों से ताजा जनादेश मांगें। कांग्रेस ने इस पूरे मामले को केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर पार्टी और राज्य सरकार को बदनाम करने की ‘‘भाजपा की साजिश’’ करार दिया।

कर्नाटक के गृह मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी परमेश्वर ने कहा कि यदि कोई डायरी है तो वह भाजपा को कैसे मिल गई। उन्होंने कहा कि ‘‘डायरी वाली कहानी’’ आयकर विभाग की छापेमारी से सामने आई है, जो केंद्र सरकार की एजेंसी है।

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