कोर्ट ने असम के हिरासत केंद्रों और वहां रखे गए विदेशियों की जानकारी मांगी
शीर्ष अदालत ने केंद्र से हिरासत केंद्रों, वहां बंद बंदियों की अवधि और विदेशी नागरिक अधिकरण के समक्ष दायर उनके मामलों की स्थिति को लेकर विभिन्न विवरण मांगे हैं।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने असम में चल रहे हिरासत केंद्रों और पिछले 10 साल के दौरान वहां हिरासत में लिए गए विदेशी नागरिकों की संख्या समेत विभिन्न ब्यौरे उपलब्ध कराने के सोमवार को निर्देश दिए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई एवं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ कार्यकर्ता हर्ष मंदर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह याचिका असम के हिरासत केंद्रों और वहां लंबे समय से हिरासत में रखे गए विदेशी नागरिकों की स्थिति को लेकर दायर की गई है।
A bench headed by Chief Justice Ranjan Gogoi has posted the matter for hearing on February 19. https://t.co/v2K461nHwV
— ANI (@ANI) January 28, 2019
शीर्ष अदालत ने केंद्र से हिरासत केंद्रों, वहां बंद बंदियों की अवधि और विदेशी नागरिक अधिकरण के समक्ष दायर उनके मामलों की स्थिति को लेकर विभिन्न विवरण मांगे हैं। पीठ ने कहा, “हम यह जानना चाहते हैं कि वहां कितने हिरासत केंद्र हैं। हम यह भी जानना चाहते हैं कि वहां कितने लोग बंद हैं और कब से।”
यह भी पढ़ें: कोर्ट में फिर से लटका राम मंदिर मामला, 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई निरस्त
पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भी इस संबंध में ब्यौरे उपलब्ध कराने को कहा है कि अब तक कितने लोगों को विदेशी करार दिया गया है और उनमें से कितनों को अब तक वापस उनके देश भेज दिया गया है। पीठ ने पिछले 10 साल के दौरान भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले विदेशियों का वर्षवार ब्यौरा भी मांगा है। अधिकारियों को सभी विवरण उपलब्ध कराने के लिए तीन हफ्ते का समय देकर पीठ ने मामले में अगली सुनवाई 19 फरवरी को तय की है।
अन्य न्यूज़