दार्जिलिंग आंदोलन का सिक्किम के पर्यटन उद्योग पर पड़ा बहुत बुरा असर

Darjeeling movement affected tourism industry of Sikkim

पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग पहाड़ियों में जून से चल रहे आंदोलन ने सिक्किम के पर्यटन उद्योग पर बहुत बुरा असर डाला है।

गंगटोक। पृथक गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल की दार्जिलिंग पहाड़ियों में जून से चल रहे आंदोलन ने सिक्किम के पर्यटन उद्योग पर बहुत बुरा असर डाला है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी किये गये आंकड़े के अनुसार चीन की सीमा से सटे नाथुला दर्रे और गुरुडोंगमार झील जैसी सुरम्य स्थलों के लिए चर्चित सिक्कम में इस साल जुलाई में बस 1000 विदेशी और 8931 घरेलू पर्यटक आए। अगस्त का महीना भी कुछ ज्यादा अच्छा नहीं रहा।

अगस्त में केवल 1043 विदेशी और 12680 देशी पर्यटक सिक्किम आए। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने 15 जून को दार्जिलिंग पहाड़ियों में अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की थी। उससे पहले सिक्किम देशी और विदेशी पर्यटकों से बिल्कुल गुलजार रहता था। राज्य में 2017 की पहली छमाही में 25,585 विदेशी पर्यटकों समेत 11.70 लाख पर्यटक आए थे। लेकिन जून में दार्जिलिंग में आंदोलन शुरु होने और हिंसक घटनाएं सामने आने के बाद पर्यटकों ने सिक्किम में अपनी होटल बुकिंग रद्द कर दी।

सड़क, रेल या विमान से सिक्किम पहुंचने के लिए पर्यटक को दार्जिलिंग पहाड़ियों से गुजरना होता है। सिक्किम भारत के विमान एवं रेल मानचित्र से अब भी दूर है। सिक्किम होटल एंड रेस्टॉरेंट एसोसिएशन की अध्यक्ष पेमा लाम्था ने कहा था कि दार्जिलिंग में हिंसा भड़कने के बाद जुलाई से 70-80 पर्यटकों ने अपनी होटल बुकिंग रद्द करा ली है। हालांकि, जीजेएम ने दार्जिलिंग पहाड़ियों में 104 दिनों की अपनी हड़ताल निलंबित कर दी लेकिन स्थिति अब भी अच्छी नहीं है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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