HC ने दिल्ली सरकार के वकील की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की खारिज

Delhi HC dismisses plea challenging appointment of government counsel

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अदालत एवं केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के लिए दिल्ली सरकार के स्थायी वकील और वकीलों के पैनल की हाल ही में की गयी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है।

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने अदालत एवं केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के लिए दिल्ली सरकार के स्थायी वकील और वकीलों के पैनल की हाल ही में की गयी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति विभु बाखरु ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि अदालत को इस याचिका में उठाये गये विवाद पर सुनवाई करने में कोई रुचि नहीं है कि क्या दिल्ली सरकार की मंत्रिपरिषद या विधि विभाग से परामर्श किया गया। ’’

न्यायमूर्ति बाखरु ने कहा, ‘‘यदि संबंधित विभाग और या मंत्रिपरिषद उससे परामर्श नहीं किये जाने से पीड़ित है तो इस मुद्दे पर विरोध दर्ज कराने का मार्ग उसके लिए खुला है। ’’अदालत ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए स्थायी वकील या अन्य वकीलों की नियुक्ति से संबंधित मामला राज्य सरकार के विवेकाधिकार का मामला है और ऐसी नियुक्तियों में किसी भी व्यक्ति का निहित अधिकार नहीं है। वकील स्नेहाशीष मुखर्जी ने अपनी याचिका में 26 सितंबर की अधिसूचना को चुनौती दी थी जिसके माध्यम से दिल्ली सरकार और कुछ अन्य खास विभागों के लिए स्थायी वकील की नियुक्तियां अधिसूचित की गयी थीं।

याचिकाकर्ता के वकील खगेश झा ने अदालत में कहा कि 14 सितंबर को विज्ञापन दिया गया और आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि तीन अक्तूबर थी लेकिन अंतिम तिथि से पहले ही स्थायी वकील और वकीलों के पैनल की नियुक्ति संबंधी अधिसूचना जारी कर दी गयी। उन्होंने दावा किया कि अधिसचूनाएं अवैध हैं और ऐसे में नियुक्तियां खारिज किये जाने लायक हैं क्योंकि वे अनियमित हैं एवं मंत्रिपरिषद से परामर्श नहीं किया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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