गुजरात विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा
सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। कांग्रेस नालिया सामूहिक बलात्कार मुद्दे पर विरोध जता रही थी, जिसके चलते राज्यपाल कोहली ने सदन में अपने पारंपरिक अभिभाषण को संक्षिप्त कर दिया।
गांधीनगर। गुजरात विधानसभा में आज बजट सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। कांग्रेस नालिया सामूहिक बलात्कार मुद्दे पर विरोध जता रही थी, जिसके चलते राज्यपाल ओपी कोहली ने सदन में अपने पारंपरिक अभिभाषण को संक्षिप्त कर दिया। सत्र के पहले दिन विपक्षी कांग्रेस विधायक सामूहिक दुष्कर्म मुद्दे पर विरोध जताते हुए काले कपड़े पहनकर सदन में आये थे। राज्यपाल कोहली ने जैसे ही अपना अभिभाषण शुरू किया कांग्रेस विधायकों ने ‘‘बेटी बचाओ, बलात्कारियों से बेटी बचाओ’’ का नारा लगाना शुरू कर दिया। कुछ विधायक सदन के बीचों बीच आ गये और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे।
हंगामे के बीच राज्यपाल ने अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया। हालांकि चार-पांच पैराग्राफ पढ़ने के बाद ही उन्होंने अपना अभिभाषण मेज पर रख दिया और फिर सदन छोड़कर चले गये। राज्यपाल के सदन से जाते ही भाजपा सदस्यों ने भी कांग्रेस सदस्यों के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिये। दोनों ओर से ये नारेबाजी करीब पांच मिनट तक चली। बाद में विधानसभा अध्यक्ष रमनलाल वोरा ने पिछले छह महीने में दिवंगत हुए प्रमुख नागरिकों और पूर्व विधायकों के निधन पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। विधानसभा अध्यक्ष ने जैसे ही शोक संदेश पढ़ना खत्म किया, कांग्रेस विधायक फिर से नारे लगाने लगे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने 30 मिनट के लिये सदन को स्थगित कर दिया।
बाद में कांग्रेस नेता शक्तिसिंह गोहिल ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमारी मांग है कि नालिया सामूहिक बलात्कार मामले में गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को जांच सौंपी जाये।’’ इस महीने के शुरू में गुजरात के कच्छ जिला स्थित नालिया शहर में दर्ज प्राथमिकी में 24 वर्षीय एक महिला ने आरोप लगाया था कि करीब एक साल पहले अलग अलग मौकों पर नौ लोगों ने उसके साथ कथित तौर पर बलात्कार किया था। पीड़ित ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया और वीडियो क्लिप सार्वजनिक करने का भय दिखाकर कई बार उसके साथ कथित रूप से बलात्कार किया।
मामले में जांच के लिये पुलिस की विशेष जांच दल गठित की गयी और नालिया में महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने वाले आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार लोगों में से चार भाजपा के स्थानीय नेता थे। बहरहाल, प्राथमिकी में नाम सामने आने के बाद पार्टी से उन्हें निलंबित कर दिया गया। महिला ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि आरोपी कच्छ जिला में एक सेक्स रैकेट चलाते थे और पीड़ितों को ब्लैकमेल करते थे।
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