हिन्दुत्व पर किताब राजदूतों के लिए अनिवार्य होः RSS
आरएसएस के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि भारत के ‘‘चरित्र और राष्ट्रीयता’’ में हिंदुत्व को रेखांकित करने वाली पुस्तक को देश के सभी राजदूतों के लिए पढ़ना अनिर्वाय किया जाना चाहिए।
भारत के ‘‘चरित्र और राष्ट्रीयता’’ में हिंदुत्व को रेखांकित करने वाली पुस्तक को देश के सभी राजदूतों के लिए पढ़ना अनिर्वाय किया जाना चाहिए। यह बात बुधवार को आरएसएस के सह सरकार्यवाहक ने कही। आरएसएस के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि सरकार को ‘भारत को समझने की शर्तें’ किताब को पढ़ना आवश्यक कर देना चाहिए ताकि राजदूत दुनिया को भारत के बारे में भारत के परिप्रेक्ष्य में बता सकें।
उन्होंने जाने माने लेखक सूर्यकांत बाली की किताब को भारत के ‘‘वास्तविक इतिहास’’ के बारे में ‘‘पवित्र पुस्तक’’ बताया। उन्होंने इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर यह सुझाव दिया कि पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद किया जाना चाहिये और राजदूतों के लिए इसे पढ़ना अनिवार्य किया जाना चाहिये। लेखक ने किताब में भारत के ‘‘चरित्र और राष्ट्रीयता’’ में हिन्दुत्व को रेखांकित कर इसकी संपूर्ण व्याख्या की है।
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