India-UK Strategic Futures Forum में शामिल हुए दोनों देशों के विदेश मंत्री, यूक्रेन संकट कही बड़ी बात
लिज ट्रस ने कहा कि खाद्य सुरक्षा, वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा खतरे में है। मैं यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए भारत को ट्रिब्यूट देती हूं। ये समान विचारधारा वाले देशों के द्वारा आर्थिक, रक्षा संबंधों को मज़बूत करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत पर प्रकाश डालता है।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री लिज ट्रस भारत दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ ‘इंडिया-यूके स्ट्रैटेजिक फ्यूचर्स फोरम’ को संबोधित किया। दोनों नेताओं की ओर से आपसी संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर तो दिया ही गया, साथ ही साथ यूक्रेन संकट को लेकर भी बातें कही गई। यूक्रेन-रूस संकट पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हमारे लगभग 22,000 छात्र भारत की तत्काल चिंता थी, उन्हें सुरक्षित बाहर निकालना काफी चुनौती भरा था। यूक्रेन के बहुत से पड़ोसी देश बेहद मददगार थे। उन्होंने कहा कि लगभग एक सप्ताह पहले चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत आए थे, हमने यूक्रेन की स्थिति और हमारे आपसी (भारत-चीन) संबंधों पर चर्चा की, जो वास्तव में अच्छे दौर से नहीं गुजर रहे। यूक्रेन में जो हो रहा है, उसे लेकर चीन का अपना विश्लेषण है।
वहीं लिज ट्रस ने कहा कि खाद्य सुरक्षा, वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा खतरे में है। मैं यूक्रेन से छात्रों को निकालने के लिए भारत को ट्रिब्यूट देती हूं। ये समान विचारधारा वाले देशों के द्वारा आर्थिक, रक्षा संबंधों को मज़बूत करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत पर प्रकाश डालता है। भारी छूट पर रूसी तेल खरीदने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि भारत एक संप्रभु राष्ट्र है, मैं भारत को यह नहीं बताने जा रहा हूं कि क्या करना है। एस जयशंकर ने कहा कि यूरोप ने एक महीने पहले की तुलना में रूस से 15% अधिक तेल और गैस खरीदा। रूस से तेल और गैस के अधिकांश प्रमुख खरीदार यूरोप में हैं। हमें अपनी ऊर्जा आपूर्ति का बड़ा हिस्सा मध्य पूर्व से मिलता है, लगभग 7.5% -8% अमेरिका से, शायद रूस से एक प्रतिशत से भी कम। जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो देशों के लिए अपने लोगों के लिए अच्छे सौदों की तलाश करना स्वाभाविक है।Countries across the world understand there is a fundamental problem if an aggressor gets away with invading a sovereign nation. The idea that we should only focus on Europe because of this crisis is wrong, the implications are far-reaching: British Foreign Secy Elizabeth Truss pic.twitter.com/T9GGXhKVbu
— ANI (@ANI) March 31, 2022
लिज ट्रस ने कहा कि यूक्रेन संकट के संदर्भ में भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। ट्रस ने कहा कि यूक्रेन संकट ने समान विचारधारा वाले देशों के एक साथ काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। उन्होंने कहा कि दुनिया के लिए यूक्रेन संकट के दूरगामी प्रभाव होंगे। ब्रिटेन की विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि हम एक अधिक असुरक्षित दुनिया में रह रहे हैं, जो हम (व्लादिमीर) पुतिन के यूक्रेन पर भयावह आक्रमण के मामले में देख रहे हैं।’’ जयशंकर के साथ ‘इंडिया-यूके स्ट्रैटेजिक फ्यूचर्स फोरम’ को संबोधित करते हुए ट्रस ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह बहुत जरूरी है कि रूस पर प्रतिबंध लगाए जाएं।’’ अपनी शुरुआती टिप्पणियों में ट्रस ने कहा कि संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का सम्मान करना महत्वपूर्ण है।India had an immediate concern (over #UkraineRussiaCrisis) which was we had about 22,000 students there; getting them out safely was quite a challenge & a lot of Ukraine's neighbours were extremely helpful: EAM Dr S Jaishankar, at the India-UK Strategic Futures Forum pic.twitter.com/VV9O3AKS9W
— ANI (@ANI) March 31, 2022
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