HC ने आप सरकार से ‘आशा किरण’ में मौतों की वजह बताने को कहा
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से मानसिक रूप से नि:शक्त लोगों के लिए बने आश्रय स्थल में पिछले दो महीने में हुई 11 मरीजों की मौत की वजहों की जानकारी देने को कहा है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने आप सरकार से मानसिक रूप से नि:शक्त लोगों के लिए बने आश्रय स्थल में पिछले दो महीने में हुई 11 मरीजों की मौत की वजहों की जानकारी देने को कहा है। अदालत ने आप सरकार से यह भी पूछा है कि उन्होंने इस संबंध में कौन से कदम उठाये हैं। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता धींगरा की पीठ ने कहा, ‘‘रिट याचिका में उठाए गए मुद्दे के संबंध में कौन से कदम उठाए गए हैं।’’
पीठ ने दिल्ली सरकार को इन घटनाओं की वजहों सहित वर्ष 2001 से अब तक यहां से गायब हुए 250 लोगों के बारे में बताने को भी कहा है। अदालत ने 19 अप्रैल से पहले सरकार और संबंधित प्राधिकारियों को इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट दायर करने को कहा है। अदालत का निर्देश एक याचिका के संबध में आया है। याचिका में आप सरकार से इन मौतों की वजहों को बताने को कहा गया है। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली महिला आयोग द्वारा औचक निरीक्षण के बाद यह मुद्दा प्रकाश में आया था। आयोग ने पाया था कि यहां पर लोग बेहद अमानवीय तथा अस्वच्छ स्थिति में रह रहे हैं।
आयोग ने यह भी कहा था कि उन्होंने पाया है कि इस आश्रय स्थल में रहने वाले 11 लोगों की मौत पिछले दो महीने में हुई है। याचिका में दिल्ली सरकार के समाजिक कल्याण विभाग को निर्देश देने की मांग की गई है। यह विभाग मानसिक रूप से अक्षम लोगों के लिए आवासीय सुविधा चलाता है। सामाजिक कार्यकर्ता होने का दावा करने वाले याचिकाकर्ता सलेक चंद जैन की याचिका में कहा गया है कि महिला आयोग ने आशा किरण में औचक निरीक्षण के समय यहां रहने वाली एक महिला को लगभग निर्वस्त्र अवस्था में कॉरिडोर में चलते हुए पाया था। औचक निरीक्षण महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालीवाल ने चार फरवरी की रात में किया था। महिला आयोग ने सामाजिक कल्याण विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया था। साथ ही उसने आश्रय स्थल के खिलाफ की गई शिकायतों की जांच के लिए एक अलग समिति भी गठित की।
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