तीन कलेक्टरों के खिलाफ HC ने जारी किया वारंट, जानिए ऐसा क्यों हुआ ?

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दिनेश शुक्ल । Oct 23 2019 6:20PM

हाई कोर्ट ने तीनों जिलों के कलेक्टरों के खिलाफ 25-25 हजार के जमानती वारंट जारी किए है। दरअसल, मामला आदिवासियों की जमीन के संरक्षण से जुड़ा है। जिसको लेकर एकता परिषद ने याचिका दायर की थी।

भोपाल। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने तीन जिला कलेक्टरों के खिलाफ वारंट जारी किया है। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने आदिवासियों की जमीन के संरक्षण को लेकर दिए गए आदेश का पालन न करने पर श्योपुर, अशोक नगर और विदिशा कलेक्टर के खिलाफ वारंट जारी कर दिया। एकता परिषद ने इस मामले में अवमानना याचिका दाखिल की थी। 

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हाई कोर्ट ने तीनों जिलों के कलेक्टरों के खिलाफ 25-25 हजार के जमानती वारंट जारी किए है। दरअसल, मामला आदिवासियों की जमीन के संरक्षण से जुड़ा है। जिसको लेकर एकता परिषद ने याचिका दायर की थी। 2006 में एकता परिषद ने आदिवासियों की जमीनों के संरक्षण की मांग करते हुए हाई कोर्ट में यह याचिका दायर की थी।

जिसके बाद हाई कोर्ट ने 25 फरवरी 2008 को याचिका निराकृत करते हुए अशोकनगर के अलावा भिंड, दतिया, मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुर, विदिशा, गुना कलेक्टर को अपने-अपने जिले में समिति बनाकर आदिवासियों की जमीन के संरक्षण के संबंध में रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया था। आदेश का पालन नहीं करने पर 2015 में हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी जिलों के कलेक्टरों से जवाब पेश करने के लिए कहा था।

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लेकिन अशोकनगर, श्योपुर और विदिशा जिले के कलेक्टरों ने न तो जवाब पेश किया न ही कोर्ट में मौजूद हुए। इस पर कोर्ट ने तीनों कलेक्टरों को जमानती वारंट से तलब किया है। तीनों को अगली सुनवाई पर ये भी बताना होगा कि कोर्ट के आदेश की अनदेखी करने के मामले में उनके विरुद्ध क्यों न अवमानना की कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने सरकारी वकील एफ.ए. शाह को इस मामले में प्रमुख सचिव राजस्व से भी दिशा निर्देश प्राप्त करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को तय की गई है। जबकि इस मामले में ग्वालियर और दतिया कलेक्टर ने जवाब प्रस्तुत कर दिया है जबकि शिवपुरी कलेक्टर ने जवाब के लिए समय मांगा है।

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