उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी संस्थाओं को शोध, विकास के लिये 2000 करोड़ देगी

Higher education funding agency will provide 2000 crores for research, development

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (हेफा) पांच आईआईटी समेत छह संस्थाओं को शोध एवं आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिये 2000 करोड़ रूपये की ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का निर्णय किया है।

नयी दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (हेफा) पांच आईआईटी समेत छह संस्थाओं को शोध एवं आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिये 2000 करोड़ रूपये की ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने का निर्णय किया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने अपने ट्वीट में यह जानकारी देते हुए कहा, ‘‘मुझे यह सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी (हेफा) छह संस्थाओं के लिये ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 2000 करोड़ रूपये मंजूर कर रही है।’’ यह धनराशि इन छह संस्थाओं में शोध, अकादमिक विकास एवं आधारभूत संरचनाओं से जुड़ी परियोजनाओं से संबंधित होगी।

इन छह संस्थाओं में आईआईटी कानपुर, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बम्बई, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खडगपुर और एनआईटी कर्नाटक में कम्प्यूटर विज्ञान विभाग शामिल है। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 सितंबर 2016 को प्रमुख शैक्षिक संस्थानों में उच्च गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए ‘‘उच्च शिक्षा वित्त-पोषण एजेंसी’’ के गठन को मंजूरी प्रदान की थी।

उच्च शिक्षा वित्त पोषण एजेंसी चिन्हित प्रवर्तक और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से 2,000 करोड़ रुपये के अधिकृत पूंजी से प्रवर्तित होगी। इसमें सरकार की इक्विटी 1,000 करोड़ रुपये होने की बात कही गई है ।इस एजेंसी का गठन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या सरकार के स्वामित्व वाली नॉन-बैकिंग फाइनेंसिंग कंपनी के अंतर्गत एक विशेष उद्देश्य इकाई या कंपनी के रूप में करने की बात कही गई है।

यह इकाई आईआईटी, आईआईएम या एनआईटी और इस तरह के अन्य संस्थानों में बुनियादी ढांचे और विश्वस्तरीय प्रयोगशालाओं के विकास परियोजनाओं के वित्तपोषण हेतु 20,000 करोड़ रुपये जुटायेगी। यह एजेंसी आधारभूत ढांचे और प्रयोगशाला से जुड़ी परियोजनाओं को 10 वर्षों तक ऋण के जरिये वित्तपोषित करेगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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