हेमंत बिस्व सरमा ने कैंसर वाले बयान पर मांगी माफी
पिछले जन्म के कर्मों के कारण खतरनाक बीमारियां होने के अपने बयान को लेकर चौतरफा आलोचनाओं की जद में आए असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उनके कथन को संदर्भ से हटकर पेश किया गया और अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो वह क्षमा चाहते हैं।
गुवाहाटी। पिछले जन्म के कर्मों के कारण खतरनाक बीमारियां होने के अपने बयान को लेकर चौतरफा आलोचनाओं की जद में आए असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उनके कथन को संदर्भ से हटकर पेश किया गया और अगर किसी की भावनाएं आहत हुई हों तो वह क्षमा चाहते हैं। उन्होंने यह स्पष्टीकरण देने का प्रयास किया कि वह केवल हिंदुत्व में ‘‘कर्म सिद्धांत’’ का जिक्र कर रहे थे। सरमा ने एक बयान में कहा, ‘‘ दैवीय न्याय और कर्म के सिद्धांत पर मेरे भाषण को संदर्भ से हटकर पेश किया जा रहा है। सनसनीखेज बनाने के चक्कर में कोई भी मेरे पूरे भाषण की मुख्य बात और इरादे पर विचार नहीं कर रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह बात गरीब छात्रों की मदद के संदर्भ में की गई और शिक्षकों से आग्रह किया गया था वे गरीब छात्रों की उपेक्षा नहीं करें। यह जिला शिक्षा अधिकारियों के लिए भी संदेश था कि वह शिक्षकों को परेशान नहीं करें।’ मंत्री ने कहा, ‘‘परंतु राष्ट्रीय मीडिया, स्थानीय मीडिया के एक वर्ग और कांग्रेस के कुछ लोग इस बयान को लेकर खेल रहे हैं। मुझे यह दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कैंसर मरीजों और उनके रिश्तेदारों में गुस्सा है।’’ सरमा पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘पार्टी बदलने वाला व्यक्ति ऐसा ही करता है।’’
सरमा पहले कांग्रेस में थे जो अगस्त 2015 में भाजपा में शामिल हो गए थे। चिदंबरम के बयान का जवाब देते हुए सरमा ने कहा, ‘‘महाशय, कृपया तथ्यों का तोड़-मरोड़ नहीं कीजिए। मैंने सिर्फ यही कहा कि हिंदुत्व कर्म सिद्धांत में विश्वास करता है और लोगों की पीड़ाएं उसके पूर्व जीवन के कर्म से जुड़ी होती हैं। क्या आप इसमें विश्वास नहीं करते? निश्चित तौर पर आपकी पार्टी में मुझे नहीं पता कि हिंदू दर्शन पर चर्चा होती है अथवा नहीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खैर, महाशय आप कांग्रेस में फिर से कब शामिल हुए थे? जहां तक मुझे पता है आप तमिल मनीला कांग्रेस में थे। विशिष्ट लोग चिट फंड से लेकर आईएनएक्समीडिया तक की गतिविधियों में संलिप्त हो सकते हैं, पार्टी भी बदल सकते हैं।’’ सरमा ने कहा था कि कुछ लोग कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों का इसलिए सामना करते हैं कि उन्होंने पिछले जन्म में पाप किए होंगे और यह ‘‘दैवीय न्याय’’ है। उनके इस बयान पर काफी तीखी प्रतिक्रिया हुई।
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