अगर सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी तो संसद से सड़क तक होगा विरोध: कांग्रेस
तिवारी ने कहा, ‘‘यह तय प्रक्रिया रही है कि बजट पेश होता है तो संबंधित मंत्रालयों की स्थायी समितियां मंत्रालयों के बजट को देखती हैं और फिर संसद को अपनी रिपोर्ट देती हैं। इसके बाद इसका अनुमोदन किया जाता है।’’
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कुछ खबरों का हवाला देते हुए कहा कि संसद के आगामी सत्र में सरकार को पूर्ण बजट पेश नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर वह ‘संसदीय परंपराओं का उल्लंघन करते हुए’ ऐसा करती है तो इसका संसद से लेकर सड़क तक पुरजोर विरोध किया जाएगा। पार्टी ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार 2014 मिले जनादेश के अनुसार पांच पूर्ण बजट पेश कर चुकी है और अब वह सिर्फ लेखानुदान पेश कर सकती है। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसी खबरें आ रही हैं कि भाजपा नीत राजग सरकार पूर्ण बजट पेश करेगी। अगर ऐसा होता है तो यह सभी संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं का उल्लंघन होगा। यह 70 साल की परंपरा और संसदीय प्रणाली के साथ खिलवाड़ होगा।’’
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— Congress Live (@INCIndiaLive) January 24, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘राजग सरकार के पास यह जनादेश और यह वैधानिकता नहीं है कि वह छह पूर्ण बजट पेश करे। वह पहले ही पांच पूर्ण बजट पेश कर चुके हैं। वित्त वर्ष 2019-2020 इस साल एक अप्रैल से आरंभ होगा और इस सरकार का कार्यकाल मई, 2019 में खत्म हो रहा है। ऐसे में यह सरकार अगले वित्त वर्ष का बजट पेश कैसे कर सकती ?’’
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तिवारी ने कहा, ‘‘यह तय प्रक्रिया रही है कि बजट पेश होता है तो संबंधित मंत्रालयों की स्थायी समितियां मंत्रालयों के बजट को देखती हैं और फिर संसद को अपनी रिपोर्ट देती हैं। इसके बाद इसका अनुमोदन किया जाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस मांग करती है कि सरकार संवैधानिक मर्यादा का पालन करे और सिर्फ लेखानुदान पेश करे। अगर वह नहीं मानती है तो संसद के भीतर और बाहर इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।’’
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