भारत और ईयू के लिए भू-राजनीतिक क्षेत्रों में सहयोग करना जरूरी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन से मुलाकात में कोविंद ने कहा किईयू जलवायु कार्रवाई, स्वच्छ ऊर्जा, सतत विकास, डिजिटल कनेक्टिविटी और अनुसंधान एवं नवाचार जैसे क्षेत्रों में भारत की उच्च महत्वाकांक्षाओं को प्राप्त करने के लिए एक अहम साझेदार बना रहेगा।
लेयेन सोमवार को कोविंद से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंची थीं। इस दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और ईयू कई क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं, जिसमें सुधरे हुए प्रभावी बहुपक्षवाद पर आधारित एक अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता भी शामिल है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि भारत और ईयू के बीच की रणनीतिक साझेदारी आगामी दशक के लिए सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक है और इस संबंध को मजबूत बनाना न सिर्फ भारत, बल्कि यूरोपीय संघ के लिए भी प्राथमिकता है। भारत और ईयू के बीच व्यापार एवं निवेश के बारे में कोविंद ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के सबसे महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है। उन्होंने कहा कि भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौता भारत-यूरोपीय संघ के आर्थिक संबंधों की पूरी क्षमता को उजागर करेगा कोविंद ने इस बात पर जोर दिया कि मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र होने के नाते भारत और यूरोपीय संघ जैसे समान विचारधारा वाले देशों के लिए अपने आर्थिक जुड़ाव को गहरा करना अहम है।President of the European Commission @vonderleyen called on President Ram Nath Kovind at Rashtrapati Bhavan.
— President of India (@rashtrapatibhvn) April 25, 2022
Both leaders discussed broadening of India-EU partnership in political and strategic areas as well as trade, economy, climate, sustainability & digital connectivity. pic.twitter.com/F5XlCzzRqi
उन्होंने कहा कि आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के अलावा भारत और यूरोपीय संघ के लिए हिंद-प्रशांत जैसे रणनीतिक और भू-राजनीतिक लिहाज से अहम क्षेत्रों में सहयोग करना जरूरी है। कोविंद ने कहा, “हम यूरोपीय संघ और उसके सदस्य देशों से हिंद-प्रशांत महासागर से जुड़ी पहलों में शामिल होने की उम्मीद करते हैं। भारत का मानना है कि हिंद-प्रशांत में अधिक ‘सामरिक यूरोपीय संघ’ की मौजूदगी क्षेत्र की स्थिरता में योगदान देगी।” राष्ट्रपति भवन ने एक ट्वीट में कहा, “यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष लेयेन ने कोविंद से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने राजनीतिक और रणनीतिक क्षेत्रों के साथ-साथ व्यापार, अर्थव्यवस्था, जलवायु, स्थिरता व डिजिटल कनेक्टिविटी में भारत-ईयू सहयोग को और व्यापक बनाने पर चर्चा की।
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