आपस में जुड़ी दुनिया में किसी भी मुद्दे को अलग करके नहीं देखा जा सकता: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला

Chairman's Summit
Creative Common

कई वक्ताओं और गणमान्य अतिथियों ने भारत के नए संसद भवन की सराहना की, जिसका उन्होंने शुक्रवार शाम को दौरा किया। नए संसद भवन में गणमान्य व्यक्तियों का भव्य स्वागत किया गया, जिसमें एक मंडली के सदस्यों ने नगाड़ा, तबला, संतूर, बांसुरी और नादस्वरम जैसे पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र बजाए। पी20 शिखर सम्मेलन के तहत, जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के जीवनसाथियों ने प्रधानमंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी का भ्रमण किया।

जी20 संसदीय अध्यक्ष शिखर सम्मेलन (पी20) में नेताओं के पश्चिम एशिया संघर्ष और अन्य मुद्दों को उठाने के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को कहा कि खासकर एक दूसरे से जुड़ी दुनिया में किसी भी मुद्दे को अलग-थलग करके नहीं देखा जा सकता। पी20 शिखर सम्मेलन में अपने समापन वक्तव्य में बिरला ने कहा कि कुछ सदस्यों ने शनिवार को यहां संपन्न दो दिवसीय विचार-विमर्श के दौरान महत्वपूर्ण वैश्विक चुनौतियों और हालिया भू-राजनीतिक घटनाक्रम का उल्लेख किया। सत्र में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, इंटर-पार्लियामेंटरी यूनियन (आईपीयू) के अध्यक्ष दुआर्टे पचेको, जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष ने ब्राजील के ‘चैंबर ऑफ डेप्युटीज’ के अध्यक्ष आर्थर सीजर परेरा डी लीरा को जी20 की अध्यक्षता भी सौंपी।

ब्राजील अगले वर्ष जी20 की अध्यक्षता संभालेगा। बिरला ने कहा कि कई सदस्यों ने विचार-विमर्श के लिए सूचीबद्ध विकास के एजेंडे से हट कर वैश्विक चुनौतियों और आर्थिक मुद्दों से संबंधित मामले उठाए। उन्होंने कहा, ‘‘कई सदस्यों ने पश्चिम एशिया की स्थिति का उल्लेख किया, जबकि कुछ अन्य ने बहुपक्षवाद को मजबूत करने, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता के बारे में बात की।’’ बिरला ने कहा, ‘‘मैंने इन संदर्भों पर गहराई से ध्यान दिया है। आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में हम किसी भी मुद्दे को अलग-थलग करके नहीं देख सकते।’’ बिरला ने यह भी कहा कि वह इन टिप्पणियों का स्वागत करते हैं। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि शिखर सम्मेलन में अपनाए गए संयुक्त बयान के पैराग्राफ 27 में अंतरराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देने और संघर्षों तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए संसदीय कूटनीति को आगे बढ़ाने की बात कही गई है।

शुक्रवार को अपनाए गए संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय शांति, समृद्धि और सद्भाव को बढ़ावा देने के उत्प्रेरक के रूप में प्रासंगिक मंचों पर संसदीय कूटनीति और बातचीत में भागीदारी करना जारी रखेंगे, जिसमें संघर्षों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करना भी शामिल है।’’ बिरला ने कहा कि संयुक्त बयान को अपनाने से पी20 प्रक्रिया मजबूत हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि सतत विकास लक्ष्यों, हरित ऊर्जा, महिला नेतृत्व वाले विकास और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर आपके बहुमूल्य विचार और जानकारी मानव-केंद्रित विकास सुनिश्चित करने के लिए जी20 तंत्र को और मजबूत करेंगे।’’ सांसदों की भूमिका पर बिरला ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में संसद सदस्य लोगों की आशाओं, आकांक्षाओं और जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक नीतियां और कानून बनाने की विशेष स्थिति में हैं।

बिरला ने कहा, ‘‘उनकी भूमिका सरकार के प्रयासों को पूरक बनाना है और जन कल्याण के उद्देश्य से सुशासन सुनिश्चित करने में हमारा विशेष योगदान है।’’ उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने जी20 देशों के पीठासीन अधिकारियों और आमंत्रित देशों के सम्मान में दोपहर के भोजन का आयोजन किया। बिरला ने कई देशों की संसदों के अध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। कई वक्ताओं और गणमान्य अतिथियों ने भारत के नए संसद भवन की सराहना की, जिसका उन्होंने शुक्रवार शाम को दौरा किया। नए संसद भवन में गणमान्य व्यक्तियों का भव्य स्वागत किया गया, जिसमें एक मंडली के सदस्यों ने नगाड़ा, तबला, संतूर, बांसुरी और नादस्वरम जैसे पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र बजाए। पी20 शिखर सम्मेलन के तहत, जी20 देशों की संसदों के पीठासीन अधिकारियों के जीवनसाथियों ने प्रधानमंत्री संग्रहालय, राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी का भ्रमण किया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़