Karnataka में डेंगू के मामलों में वृद्धि, सरकार ने उठाए एहतियाती कदम
डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार या टीका नहीं है इसलिए लक्षणों का प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एडीज मच्छर के प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं।
कर्नाटक में डेंगू के मामलों में वृद्धि के बीच राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बुधवार को कहा कि बीमारी को और अधिक फैलने से रोकने के लिए निवारक उपाय किए गए हैं। राज्य में इस वर्ष एक जनवरी से 13 मई तक डेंगू के 2,877 मामलों की पुष्टि हुई, जबकि पिछले वर्षयह संख्या इस अवधि के दौरान 1,725 रही थी।
अधिकारियों के मुताबिक, डेंगू के मामलों में वृद्धि के पीछे जांच के बढ़ते दायरे, मामले सामने आने और तेजी से जांच प्रमुख कारक है। अधिकारियों के मुताबिक, मच्छर जनित यह रोग संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है, जो मुख्य रूप से दिन में काटता है।
उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में मानसूनी मौसम और जिलों में भारी वर्षा को देखते हुए डेंगू नियंत्रण उपायों को बढ़ाना जरूरी हो गया है।एक अधिकारी ने बताया, मच्छर के काटने के बाद लक्षण आम तौर पर चार से दस दिनों में दिखाई देने लगते हैं, जिसमें तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द जैसे लक्षण शामिल हैं।
डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार या टीका नहीं है इसलिए लक्षणों का प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि एडीज मच्छर के प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं।
स्वास्थ्य कर्मचारियों और आशा कार्यकर्ता दैनिक आधार पर घर-घर जाकर मुआयना कर रहे हैं। जिला अस्पतालों में भर्ती डेंगू के मरीजों की निगरानी की जा रही है और चिकित्सक नियमंति अंतराल पर मरीजों का हाल-चाल जान रहे हैं। पानी की कमी वाले क्षेत्रों में यह सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता पैदा की जा रही है कि जल संग्रहण कंटेनर ठीक से ढके हुए हों।
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