#BoycottHyundai । हुंडई मामले पर सख्त भारत, कोरिया के विदेश मंत्री ने एस जयशंकर से की बात, कोरियाई राजदूत भी तलब

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अंकित सिंह । Feb 8 2022 3:44PM

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण कोरिया के राजदूत को हुंडई की पाकिस्तान इकाई की तरफ से साझा की गई अस्वीकार्य सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कड़ी नाखुशी से अवगत कराया गया। इन मुद्दों से उचित तरह से निपटने के लिए हम हुंडई द्वारा पर्याप्त कार्रवाई करने की अपेक्षा करते हैं।

कश्मीर को लेकर हुंडई पाकिस्तान की ओर से किए गए ट्वीट के बाद कोरियाई कार कंपनी भारतीयों के निशाने पर आ गई है। ट्विटर पर लगातार #BoycottHyundai ट्रेंड करने लगा। इसके साथ ही लोग भारत सरकार से सवाल पूछने लगे। पाकिस्तान हुंडई की ट्वीट पर अब सरकार ने भी सख्त रूख अपनाया है। इन सबके बीच विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने बताया कि आज कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री चुंग यूई-योंग का फोन आया। द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ हुंडई मामले पर भी चर्चा की। दूसरी ओर भारत के विदेश मंत्रालय ने बताया कि हुंडई की पाकिस्तान इकाई की तरफ से तथाकथित कश्मीर एकता दिवस पर सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करने को लेकर दक्षिण कोरिया के राजदूत को तलब किया गया।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि दक्षिण कोरिया के राजदूत को हुंडई की पाकिस्तान इकाई की तरफ से साझा की गई अस्वीकार्य सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कड़ी नाखुशी से अवगत कराया गया। इन मुद्दों से उचित तरह से निपटने के लिए हम हुंडई द्वारा पर्याप्त कार्रवाई करने की अपेक्षा करते हैं। मंत्रालय ने कहा कि इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यह मामला भारत की क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित है जिस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री ने हुंडई मामले में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर भी खेद जताया। दूसरी ओर यह मामला संसद में भी उठा। 

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राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा उठाए गए इस मुद्दे के जवाब में सदन के नेता व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘‘यह मामला कंपनी के समक्ष उठाया गया है और कल ही उसे कहा गया है कि वह इस पर साफ-साफ माफी मांगे।’’ ज्ञात हो पाकिस्तान हर साल पांच फरवरी को ‘‘कश्मीर एकजुटता दिवस’’ मनाता है। हुंदई कंपनी की पाकिस्तान इकाई के सोशल मीडिया हैंडल से इसका समर्थन किया गया था। चतुर्वेदी ने कंपनी के इस कृत्य का उल्लेख करते हुए कहा कि कंपनी का रुख भारत की सार्वभौमिकता को चुनौती देने वाला है और इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने सरकार से इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई करने की मांग की। इसके जवाब में गोयल ने केंद्र सरकार का रुख स्पष्ट किया।

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