भारत-अमेरिका ने रक्षा समझौते पर किये हस्ताक्षर , पोम्पिओ ने कहा- भारत के साथ खड़ा है अमेरिका
विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर के साथ टू प्लस टू वार्ता के तीससे चरण के तहत बातचीत की। दोनों पक्षों के शीर्ष सैन्य और रक्षा अधिकारियों ने इसमें सहयोग दिया।
उच्चस्तरीय बातचीत खासा महत्व रखती है क्योंकि यह ऐसे वक्त हो रही है जब चीन हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी आर्थिक और सैन्य गतिविधियों को विस्तार देने का प्रयास कर रहा है और पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ उसका तनावपूर्ण गतिरोध भी बरकरार है। बातचीत के दौरान अमेरिकी पक्ष ने भारत को यह आश्वासन भी दिया कि उसकी संप्रभुता और स्वतंत्रता पर खतरे से मुकाबले में अमेरिका उसके साथ है। जयशंकर, पोम्पिओ और एस्पर के साथ संयुक्त रूप से मीडिया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दोनों पक्षों ने कई अहम मुद्दों पर व्यापक चर्चा की और अमेरिका के साथ ‘बीईसीए’ पर दस्तखत को एक “महत्वपूर्ण कदम” बताया। उन्होंने कहा, “सेना से सेना के स्तर पर अमेरिका के साथ हमारा सहयोग काफी अच्छे से आगे बढ़ रहा है” और रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास के लिये परियोजनाओं को चिन्हित किया गया है। सिंह ने कहा, “हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करते हैं।” पोम्पिओ ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यात्रा के दौरान वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सम्मान में बलिदान देने वाले शहीदों, जिनमें जून में गलवान घाटी में चीन की पीएलए द्वारा मारे गए 20 भारतीय सैन्यकर्मी भी शामिल हैं, को श्रद्धांजलि देने समर स्मारक भी गए।Delhi: India-US 2+2 Ministerial Dialogue underway at Hyderabad House.
— ANI (@ANI) October 27, 2020
Defence Minister Rajnath Singh, External Affairs Minister S Jaishankar, US Secretary of State Michael Pompeo and US Secretary of Defence Mark Esper are attending it. pic.twitter.com/1OWPFZwSOk
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पोम्पिओ ने कहा, “भारत के लोग जब अपनी संप्रभुता और स्वतंत्रता पर खतरे का सामना करते हैं तो अमेरिका उनके साथ खड़ा होगा।” चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की आलोचना करते हुए पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिकी नेता और नागरिक बढ़ती स्पष्टता के साथ यह देख पा रहे हैं कि “सीसीपी लोकतंत्र, कानून के शासन और पारदर्शिता की मित्र नहीं है”। पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका और भारत न सिर्फ सीसीपी द्वारा उत्पन्न बल्कि सभी तरह के खतरों से निपटने के लिये सहयोग बढ़ाने के लिये कदम उठा रहे हैं। जयशंकर ने कहा कि भारत-अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा तालमेल में वृद्धि हुई है और हिंद-प्रशांत चर्चा का एक केंद्र था। अमेरिकी रक्षा मंत्री एस्पर ने कहा कि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग लगातार बढ़ रहा है। रणनीतिक संबंधों के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण ‘बीईसीए’ पर दस्तखत के साथ दोनों देशों के बीच चार महत्वपूर्ण करार को अंतिम रूप दे दिया गया। दोनों देशों ने जनरल सिक्युरिटी ऑफ मिलिट्री इनफॉर्मेशन एग्रीमेंट (जीएसओएमआईए)पर 2002 में दस्तखत किए थे। रक्षा समझौता और प्रौद्योगिकी साझा करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत अमेरिका ने 2016 में भारत को ‘प्रमुख रक्षा सहयोगी’ का दर्जा दिया था। दोनों देशों ने 2016 में ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट’ किया था। भारत और अमेरिका ने 2018 में एक और महत्वपूर्ण करार किया था जिसे ‘कोमकासा’ कहा जाता है। बीईसीए के बारे में अधिकारियों ने कहा कि समझौते से भारत की गोपनीय भूस्थैतिक डाटा के साथ ही अन्य सैन्य अनुप्रयोगों के संबंध में सूचनाओं तक पहुंच होगी।
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