आज से अस्तित्व में आए दो नये केंद्रशासित प्रदेश, आरके माथुर बने लद्दाख के उप-राज्यपाल

jammu-and-kashmir-and-ladakh-become-two-new-union-territories-of-the-country
[email protected] । Oct 31 2019 9:12AM

अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को संसद द्वारा समाप्त किए जाने के 86 दिन बाद यह निर्णय प्रभावी हुआ है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी।

नयी दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बुधवार मध्यरात्रि को समाप्त हो गया और इसके साथ ही दो नए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख अस्तित्व में आ गए। अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को संसद द्वारा समाप्त किए जाने के 86 दिन बाद यह निर्णय प्रभावी हुआ है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी।

आर के माथुर ने लद्दाख के उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली

लेह, 31 अक्टूबर (भाषा) राधा कृष्ण माथुर ने गुरुवार को केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। जम्मू कश्मीर के विभाजन के बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित क्षेत्र बना है। जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने लेह में एक सादे समारोह में माथुर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। 

अस्तित्व में आए दो केंद्रशासित प्रदेश

देर रात जारी अधिसूचना में, मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर संभाग ने प्रदेश में केंद्रीय कानूनों को लागू करने समेत कई कदमों की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेशों की अगुवाई उपराज्यपाल (एलजी) क्रमश: गिरीश चंद्र मुर्मू और आर के माथुर करेंगे। वे बृहस्पतिवार को पदभार ग्रहण करेंगे। यह पहली बार होगा जब किसी राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में तब्दील किया गया है। इस सिलसिले में श्रीनगर और लेह में दो अलग-अलग शपथग्रहण समारोहों का आयोजन किया जाएगा। पहला समारोह लेह में होगा जहां माथुर शपथ लेंगे औ बाद में श्रीनगर में शपथग्रहण समारोह होगा जिसमें मुर्मू पदभार ग्रहण करेंगे। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल, मुर्मू और माथुर दोनों को शपथ दिलाएंगी।

इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करने के फैसले को माकपा ने बताया शर्मनाक

इसके साथ ही देश में राज्यों की संख्या 28 रह गई और केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर नौ हो गई। इसी के साथ जम्मू-कश्मीर के संविधान और रणबीर दंड संहिता का बृहस्पतिवार से अस्तित्व खत्म हो जाएगा जब राष्ट्र पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मनाने के लिए ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ मनाएगा। पटेल को भारत संघ में 560 से अधिक राज्यों का विलय करने का श्रेय जाता है।

इसे भी पढ़ें: ईयू सांसदों से मिले पीएम मोदी, कहा- आतंक के खिलाफ हो जीरो टॉलरेंस की नीति

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 कहता है कि दो केंद्रशासित प्रदेशों के गठन का दिन 31 अक्टूबर है और यह मध्यरात्रि (बुधवार-बृहस्पतिवार) को अस्तित्व में आएंगे। राज्य के विशेष दर्जे को खत्म करने और इसके विभाजन की घोषणा पांच अगस्त को राज्यसभा में की गई थी। कानून के मुताबिक संघ शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पुडुचेरी की तरह ही विधानसभा होगी, जबकि लद्दाख चंडीगढ़ की तर्ज पर बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा।

बृहस्पतिवार को केंद्रशासित प्रदेश बनने के साथ ही जम्मू-कश्मीर की कानून-व्यवस्था और पुलिस पर केंद्र का सीधा नियंत्रण होगा, जबकि भूमि वहां की निर्वाचित सरकार के अधीन होगी। लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में होगा। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़