जाट नेताओं ने कहा- वार्ता के लिए शर्तें मंजूर नहीं

[email protected] । Feb 16 2017 10:46AM

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि शर्तों के साथ सरकार के साथ किसी भी प्रकार की कोई बातचीत नहीं होगी।

जींद। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि शर्तों के साथ सरकार के साथ किसी भी प्रकार की कोई बातचीत नहीं होगी। 19 फरवरी को कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। मलिक बुधवार को जींद के गांव ईक्कस में 18वें दिन के धरने को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दो दिन पहले सीआईडी की लीक हुई रिपोर्ट पर आरोप लगाया कि यह सरकार की सोची समझी साजिश का हिस्सा है। सरकार धरना को बदनाम करने के लिए व्यूह रचना कर रही है। सरकार केवल रोहतक में एक युवक द्वारा ली गई एयरगन को मुद्दा बनाकर गलत तरीके से उसे पेश करवा रही है। सरकार ने जान बूझकर इस प्रकार की रिपोर्ट तैयार करवाकर लीक करवाया।

मलिक ने कहा कि इस बार सरकार अपनी दंगे फैलाने व प्रदेश का भाईचारा खराब करने की मंशा में सफल नहीं हो पाएगी। इस बार प्रदेश की अन्य दूसरी जातियों के लोग भी धरनों में उनके कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। मलिक ने कहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। सरकार ने बिना किसी जांच के संगीन धारायें लगाई हैं। जाट युवाओं ने किसी कि हत्या नहीं की बल्कि जाट युवाओं को झूठा फंसाया गया है। आंदोलन के दौरान सांसद राजकुमार सैनी व उसकी ओबीसी बिग्रेड ने हमले किए और सरकारी संपत्ति जलाई। मगर सरकार ने उनके खिलाफ कोई मुकदमें दर्ज नहीं किए। बरवाला में अपना आश्रम चला रहे संत रामपाल और उनके समर्थकों ने मलिक को समर्थन दिया।

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