Jayant Choudhary को विरासत में मिली राजनीति, सरकार में मिला कौशल विकास मंत्रालय और उद्यमिता का स्वतंत्र प्रभार

Jayant Choudhary
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Anoop Prajapati । Jun 16 2024 8:09PM

समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़कर एनडीए में शामिल होने वाले चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इस चुनाव में उनकी पार्टी ने पश्चिमि उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर जीत दर्ज की है। राज्यसभा सांसद होने के कारण उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़कर एनडीए में शामिल होने वाले चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। इस चुनाव में उनकी पार्टी ने पश्चिमि उत्तर प्रदेश की दो सीटों पर जीत दर्ज की है। राज्यसभा सांसद होने के कारण उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा था। एनडीए की सरकार में जयंत चौधरी को कौशल विकास मंत्रालय और उद्यमिता का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। इसके अलावा वे शिक्षा राज्य मंत्री भी बनाये गए हैं।

जयंत का जन्म यूएस के डलास, टेक्सास में 27 दिसंबर 1978 को हुआ था। इनके पिता अजित चौधरी केंद्रीय मंत्री भी रह चुके थे, जिन्होंने राष्ट्रीय लोकदल की नींव रखी थी। जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह थे, जिन्होंने देश के 5वें प्रधानमंत्री के रूप अपनी सेवाएं दी। जयंत की शादी चारू चौधरी से 2003 में हुई थी। जयंत की दो बेटियां हैं। जयंत चौधरी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की और 2002 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से अकाउंटिंग और फाइनेंस में एमएससी की डिग्री हासिल की। 

वे 1894 के भूमि अधिग्रहण कानून और उत्तर प्रदेश राज्य में उपजाऊ भूमि के बड़े पैमाने पर अधिग्रहण के मुखर आलोचक रहे हैं। वे राज्य में भूमि के अनुचित अधिग्रहण और विशेष रूप से नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मथुरा, हाथरस, आगरा और अलीगढ़ जिलों में हुए आंदोलनों आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई। जयंत चौधरी ने राजनीतिक सफर की शुरुआत 2009 में लोकसभा चुनाव के साथ की थी। उन्होंने मथुरा लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। जयंत चौधरी 15वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के मथुरा से सांसद रह चुके हैं। रालोद नेता जयंत चौधरी ने 5 अगस्त, 2011 को लोकसभा में भूमि अधिग्रहण पर एक निजी विधेयक पेश किया था। इसके बाद चौधरी ने 2014 के आम चुनाव में मथुरा से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे भाजपा उम्मीदवार हेमा मालिनी से हार गए थे। 

जयंत चौधरी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के जनरल बोर्ड के सदस्य रहे हैं। चौधरी ने फिक्की इंडो-ब्रिटिश फोरम ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स की सह-अध्यक्षता भी की है और इंडो-वेनेजुएला संसदीय मैत्री समूह के सदस्य थे। मंझे राजनीतिज्ञ जयंत चौधरी का समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ अच्छा नाता रहा है। लोकसभा में अपने पहले कार्यकाल के दौरान, जयंत चौधरी कई संसदीय समितियों के सदस्य के रूप में कार्य कर चुके हैं। इसमें वाणिज्य, कृषि और वित्त पर स्थायी समितियां, वित्त पर परामर्शदात्री समिति, नैतिकता पर समिति और सरकारी आश्वासनों पर समिति शामिल है। वे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के जनरल बोर्ड के सदस्य रह चुके हैं। जयंत चौधरी फिक्की इंडो-ब्रिटिश फोरम ऑफ पार्लियामेंटेरियन्स के सह-अध्यक्ष और इंडो-वेनेजुएला संसदीय मैत्री समूह के सदस्य भी रह चुके हैं।

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