बिहार में 10 लाख नौकरियां देने के लिए संसाधनों का अभाव नहीं, नीयत की कमी है: कांग्रेस

राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी चुनावी सभाओं में बार-बार यह कह रहे हैं किसरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का फैसला होगा।
उन्होंने कुछ ग्राफ शेयर करते हुए कहा, ‘‘बिहार में देश में आने वाले एफडीआई का मात्र 0.02 से 0.05 प्रतिशत हिस्सा ही आता है। यदि हम बिहार के हिस्से को देश में आने वाले एफडीआई का 3 प्रतिशत तक भी कर दें तो प्रतिवर्ष लगभग 10,000 करोड़ रुपये का निवेश बिहार राज्य में आएगा।’’ कांग्रेस प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘एक्सिम बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार प्रतिवर्ष कुल 16,875 करोड़ रुपये का निर्यात करने की क्षमता रखता है। जबकि वास्तविक निर्यात इस अवधि में मात्र 10,125 करोड़ रुपये का हुआ।’’बिहार में हत्यारों का तांडव
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 27, 2020
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उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान में बिहार राज्य में एक भी विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) नहीं है, जबकि पूरे देश में कुल 358 अधिसूचित सेज हैं। बिना सेज की स्थापना के ना तो सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बड़ा निवेश आ सकता है और ना ही कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए।’’ वल्लभ ने कहा, ‘‘जहां चाह वहां राह। जब नीति और नीयत नौकरियां देने की होती है तो संसाधनों के अभाव का कोई बहाना नहीं चलता है।’’ उल्लेखनीय है कि राजद नेता तेजस्वी यादव अपनी चुनावी सभाओं में बार-बार यह कह रहे हैं किसरकार बनने पर कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख सरकारी नौकरियां देने का फैसला होगा।
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