कुरैशी को भेजे गये संदेश हैं निजी: पूर्व सीबीआई निदेशक

[email protected] । Feb 21 2017 5:31PM

सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह ने आज दावा किया कि जांच के दायरे में आए विवादास्पद मांस कारोबारी मोईन कुरैशी के साथ फोन पर संदेशों का आदान प्रदान ‘ज्यादातर निजी’ और अहानिकर हैं।

सीबीआई के पूर्व निदेशक एपी सिंह ने आज दावा किया कि जांच के दायरे में आए विवादास्पद मांस कारोबारी मोईन कुरैशी के साथ फोन पर संदेशों का आदान प्रदान ‘ज्यादातर निजी’ और अहानिकर हैं। सीबीआई ने मांस कारोबारी की कथित रूप से पक्षधरता करने को लेकर पिछले हफ्ते प्राथमिकी दर्ज कर सिंह, कुरैशी ओर अन्य को नामजद किया था। सीबीआई ने प्रवर्तन निदेशालय की शिकायत के बाद यह कदम उठाया था।

नवंबर, 2012 में सीबीआई निदेशक पद से सेवानिवृत हुए 1974 बैच के आईपीएस अधिकारी सिंह ने कहा कि अपने वकील के साथ परामर्श करने के बाद वह एजेंसी (सीबीआई) के इस कदम पर विस्तार से टिप्पणी करेंगे लेकिन यह भी उल्लेख किया कि ये संदेश तीन सालों से सार्वजनिक थे। उन्होंने कहा, ‘‘आयकर और प्रवर्तन निदेशक ने कुछ भी नया नहीं जोड़ा है। ब्लैकबेरी मेसेंजर के मार्फत भेजे गए कथित संदेशों में से कुछ भी सीबीआई जांच से जुड़ा नहीं है। वे मित्रों के बीच के ज्यादातर निजी और अहानिकर प्रकृति के हैं।’’ प्रवर्तन निदेशालय के प्रमुख करनाल सिंह ने आरोप लगाया था कि कुरैशी के कंपनियों के एएमजी ग्रूप के विरुद्ध विदेश मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम मामले की जांच के दौरान सामने आया था कि यह व्यापारी कुछ लोकसेवकों के बिचौलिये के तौर पर काम कर रहा था।

अपने पत्र में ईडी प्रमुख ने एपी सिंह और कुरैशी के बीच हुए संदेशों के आदान प्रदान से संबंधित ब्लैकबेरी रिकार्ड संलग्न किया है और आरोप लगाया है कि दोनों ने मिलीभगत कर संज्ञेय अपराध किया। सिंह के सीबीआई निदेशक रहने के दौरान में ही सोहराबुद्दीन शेख, सादिक जमाल और तुलसी प्रजापति की कथित फर्जी मुठभेड़ों समेत गुजरात के हाई प्रोफाइल मामलों में आरोपपत्र दायर किये गए थे। शेख और प्रजापति मामलों में भाजपा नेता के विरूद्ध सीबीआई ने आरोपपत्र दायर किया था। शाह को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिल गयी। दिसंबर, 2014 में विशेष अदालत ने शाह को शेख मुठभेड़ मामले में बरी कर दिया था।

सिंह ने कहा कि ज्यादातर संदेश 30 नवंबर, 2012 को उनके सेवानिवृत होने के बाद भेजे गए थे। उनके और कुरैशी के बीच जितने सारे संदेशों का आदान प्रदान किया गया, उनमें बस तीन सिंह के निदेशक रहने के दौरान थे। इन तीन संदेशों में मांस कारोबारी ने एक पारिवारिक मित्र के लिए मदद मांगी थी। लेकिन एपी सिंह ने कुरैशी से कहा था कि मामले में आरोपपत्र दायर किया जा चुका है और उनके मित्र को राहत के लिए अदालत जाना चाहिए। इन्हीं संदेशों का इडी ने हवाला दिया है। सिंह के अनुसार बाकी संदेशों का आदान प्रदान उनकी सेवानिवृति के बाद हुआ और उनमें किसी के लिए मदद मांगने की कोशिश नहीं हुई। सोमवार को ही सिंह के घर की तलाशी ली गयी थी। करनाल सिंह के पत्र के साथ संलग्न ईडी के सहायक निदेशक अरुण कुमार की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कुरैशी ने लोकसेवकों एवं उच्च पदों पर आसीन नेताओं से अनुचित लाभ पाने के लिए विभिन्न लोगों से मोटी रकम ली। ईडी ने 22 संदेशों का संलग्नक दिया है जिनका इन आईपीएस अधिकारी की सेवानिवृति के बाद सिंह और कुरैशी के बीच आदान प्रदान हुआ था।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़