न्यायपालिका व आतंकवाद पर खुल कर बोले मोदी, कांग्रेस पर भी साधा निशाना

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[email protected] । Jan 22 2018 5:27PM

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस धारणा को सिरे से खारिज किया कि भारत, पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिये पूरा जोर लगा रहा है। उन्होंने जोर दिया कि उनका प्रयास आतंकवाद को परास्त करने के लिये दुनिया की ताकतों को एकजुट करने का है क्योंकि देश दशकों से इस बुराई से पीड़ित है।

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस धारणा को सिरे से खारिज किया कि भारत, पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिये पूरा जोर लगा रहा है। उन्होंने जोर दिया कि उनका प्रयास आतंकवाद को परास्त करने के लिये दुनिया की ताकतों को एकजुट करने का है क्योंकि देश दशकों से इस बुराई से पीड़ित है। 

मोदी ने कहा कि यह धारणा गलत है कि देश की विदेश नीति पाकिस्तान पर आधारित है, लेकिन साथ ही जोर दिया कि आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखने वालों के खिलाफ दुनिया एकजुट है। उनकी टिप्पणी को पड़ोसी देश के संदर्भ में देखा जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ अगर आप यह सोचते हैं कि हम एक देश को अलग थलग करने के लिये दुनिया में इतना कठिन परिश्रम कर रहे हैं, तब यह गलत है। यह हमारा काम नहीं है। हां, दुनिया आतंकवाद की बुराई का सामना कर रही है और जो भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं, उनके खिलाफ दुनिया एकजुट हो रही है। ’’ 

उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति मुद्दों पर आधारित है और दुनिया के साथ संबंधों के संदर्भ में है। मोदी ने पूरी शिद्दत से आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने के लिये अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनका स्वागत करता हूं और मैं उनका सम्मान करता हूं । जो भी आतंकवाद के खिलाफ कदम कोई कदम उठायेगा, मैं उसका स्वागत करूंगा, उनकी प्रशंसा करूंगा क्योंकि मेरा देश 40 वर्षो से आतंकवाद से पीड़ित है । निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं । दुनिया में आतंकवाद के खत्मे की जरूरत है । ’’ 

पाकिस्तान के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा ही कहा है कि भारत और पाकिस्तान काफी लड़ चुके हैं और अब हमें गरीबी और बीमारी से लड़ना चाहिए ।

मोदी ने कहा, जीएसटी में किसी भी कमी को दूर करने को तैयार है सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह जीएसटी की किसी भी कोर-कसर को दूर करने तथा इसे और कारगर बनाने के लिए इसमें बदलाव के किसी भी सुझाव पर विचार करने को तैयार हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, "यह एक प्रक्रिया है और हमारे इरादे नेक हैं। हम प्रयास कर रहे हैं।" मोदी ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध करने वालों की भर्त्सना करते हुए कहा कि ऐसे लोग संसद का "अपमान" कर रहे हैं। 

प्रधानमंत्री ने जीएसटी में संशोधनों की तुलना आयकर कानून में बदलाव से की। उन्होंने सवाल किया कि 1961 के आयकर अधिनियम में अब तक कितने परिवर्तन किए गए हैं? उन्होंने कहा कि जीएसटी भी नई प्रणाली है। मैं पहले दिन से कहता आ रहा हूं कि लोगों को इसके साथ तालमेल बैठाने में कुछ समय लगेगा। जहां कहीं कोई कोर-कसर रह गई है उसे ठीक किया जाएगा।


कांग्रेस मुक्त भारत का मतलब कांग्रेस संस्कृति से मुक्ति पाने से है: मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का उनका नारा राजनीतिक रूप से मुख्य विपक्षी दल को समाप्त करने का नहीं बल्कि देश को कांग्रेस संस्कृति से छुटकारा दिलाने के लिए है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस देश की राजनीति का मुख्य स्तंभ रही है जिसकी संस्कृति का प्रसार सभी राजनीतिक दलों तक हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुक्त भारत का उनका नारा प्रतीकात्मक है और वह चाहते हैं कि कांग्रेस भी ‘कांग्रेस संस्कृति’ से मुक्त हो जाए। राज्यसभा में तीन तलाक से जुड़़े विधेयक का विरोध करने के लिए भी कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उसे वोट बैंक की राजनीति करने के बजाय पीछे की ओर ले जाने वाली इस सोच से छुटकारा पाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने पहली बार अपने ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ के नारे पर विस्तार से इतनी बातचीत की जो उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के पहले प्रचार में दिया था। यह नारा एक राजनीतिक हथियार बन गया और लोकसभा चुनावों में कांग्रेस 44 सीटों पर सिमटकर रह गयी। उसके बाद कई राज्यों में भाजपा से उसे मुंह की खानी पड़ी। कांग्रेस अब केवल पंजाब, पुडुचेरी, कर्नाटक और पूर्वोत्तर राज्यों मेघालय तथा मिजोरम में सरकार चला रही है। चुनाव आयोग ने मेघालय में फरवरी में चुनाव कराने की घोषणा कर दी है। मोदी ने साक्षात्कार में कहा कि नारा प्रसिद्ध जरूर हो गया लेकिन इसके पीछे की भावना को प्रभावी तरीके से प्रसारित नहीं किया जा सका क्योंकि राजनीति के प्रवाह में अकसर चीजें हड़बड़ी में कही जाती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब वह कांग्रेस मुक्त भारत की बात करते हैं तो वह कांग्रेस के किसी संगठन या इकाई के रूप में होने तक सीमित नहीं हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘आजादी के बाद उभरी कांग्रेस की संस्कृति ने अन्य राजनीतिक दलों को प्रभावित करना शुरू कर दिया। उन्हें लगता है कि किसी एक रास्ते पर चलना सफल साबित होगा। जातिवाद, वंशवाद, भ्रष्टाचार, शोषण, छलकपट और सत्ता पर पूरी तरह कब्जा रखना। ये सब भारतीय राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा बन गया जिसका मुख्य स्तंभ कांग्रेस थी।’’ उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संघर्ष के समय भी कांग्रेस की एक संस्कृति थी जिसने युवाओं को देश के लिए बलिदान देने की प्रेरणा दी।

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर हमला करने के लिए मोदी के कांग्रेस मुक्त भारत के नारे का इस्तेमाल समय-समय पर किया है। उन्होंने कहा था कि वह भाजपा की विचारधारा से लड़ेंगे लेकिन उसे कभी पूरी तरह समाप्त नहीं करना चाहेंगे क्योंकि यह भी समाज के एक वर्ग की अभिव्यक्ति है। मोदी ने कहा, ‘‘जब मैं कांग्रेस मुक्त भारत की बात करता हूं तो यह चुनाव परिणाम की बात नहीं है। मैं चाहता हूं कि कांग्रेस खुद भी कांग्रेस संस्कृति से मुक्त हो।’’उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के हित में होगा कि कांग्रेस भी कांग्रेस संस्कृति से मुक्त हो। एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है। कांग्रेस मुक्त भारत से मेरा यही आशय था।’’

सरकार, राजनीतिक पार्टियों को न्यायपालिका के मौजूदा संकट से दूर रहना चाहिए : मोदी

न्यापालिका संकट पर अपनी प्रथम टिप्पणी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार और राजनीतिक पार्टियों को अवश्य ही इससे दूर रहना चाहिए। साथ ही, उन्होंने भरोसा जताया कि न्यायपालिका अपनी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए एक साथ बैठेगी। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय न्यायपालिका का एक उत्कृष्ट इतिहास रहा है और यह बहुत सक्षम लोगों से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश की न्यायपालिका का एक बहुत ही उत्कृष्ट अतीत रहा है, वे बहुत ही सक्षम लोग हैं। वे एक साथ बैठेंगे और अपनी समस्याओं का समाधान निकालेंगे। हमारी न्यायिक प्रणाली में मेरी आस्था है, वे निश्चित तौर पर एक समाधान निकालेंगे।’’ प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा संवेदनशील मामलों के आवंटन की उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा सार्वजनिक तौर पर आलोचना किए जाने के बाद शीर्ष न्यायालय में उत्पन्न संकट के बारे में पूछे जाने पर मोदी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मुझे इस चर्चा से दूर रहना चाहिए। सरकार को भी इससे अवश्य दूर रहना चाहिए। राजनीतिक दलों को भी इससे अवश्य दूर रहना चाहिए।’’

उनके गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्हें निशाना बनाए जाने की तरह ही भाजपा के हाई प्रोफाइल नेताओं को संकट में डालने की विपक्षी दलों की कथित कोशिशों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि उन लोगों ने उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने की कई कोशिशें की थी।


भारतीय त्योहार राष्ट्रीय, सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देते हैं : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय त्योहार सदियों से राष्ट्रीय और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देते रहे हैं और ये लोगों के लिए इन मूल्यों को युवा पीढ़ियों तक पहुंचाने का अवसर रहे हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा आयोजित संक्रांति मिलन में संक्षिप्त संबोधन में ये टिप्पणियां की। कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत कई अन्य गणमान्य व्यक्ति इस मौके पर मौजूद रहे। मोदी ने कहा कि भारतीय त्योहार प्रकृति, ग्रामीण संस्कृति में सौहार्द्र और किसानों की जिंदगी से जुड़े हैं।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इस मौके पर नायडू ने कहा कि मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य को समर्पित है और यह उत्तर दिशा की ओर सूरज की यात्रा की शुरूआत का प्रतीक है। मकर संक्रांति का त्योहार देशभर में विभिन्न नामों से मनाया जाता है।

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