साख बढ़ने के बावजूद अर्थव्यवस्था संकट से बाहर नहींः मनमोहन

Moodys upgrade need not mean ''we are out of the woods'', says Manmohan Singh
[email protected] । Nov 18 2017 4:49PM

मनमोहन सिंह ने कहा कि राजग सरकार को इस भुलावे में नहीं आना चाहिए कि अर्थव्यवस्था संकट से बाहर आ गयी है। मूडीज द्वारा देश की रेटिंग बढ़ाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने यह बात कही।

कोच्चि। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि राजग सरकार को इस भुलावे में नहीं आना चाहिए कि अर्थव्यवस्था संकट से बाहर आ गयी है। मूडीज द्वारा देश की रेटिंग बढ़ाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने यह बात कही। अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने भारत की साख बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दी। साथ ही रेटिंग परिदृश्य सकारात्मक से स्थिर यह कहते हुए स्थिर श्रेणी में कर दिया है कि सुधारों से बढ़ते ऋण संकट को स्थिर करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि मूडीज ने वह किया है जो उन्हें करना चाहिए लेकिन हमें भुलावे में नहीं रहना चाहिए कि हम मुश्किलों से बाहर आ गये हैं।’’ ‘भारत में वृहत आर्थिक घटनाएं: नीति परिप्रेक्ष्य’ विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार में सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत उद्देश्यपूर्ण दिशानिर्देश की जरूरत है ताकि देश 8 से 10 प्रतिशत वृद्धि दर की ओर बढ़ सके जो सरकार स्वयं चाहती है। इस कार्यक्रम का आयोजन सेंट टेरेसास कॉलेज, एर्नाकुलम ने आयोजित किया।

सिंह की टिप्पणी वित्त मंत्री अरुण जेटली के मूडीज के कदम पर दिये गये बयान के संदर्भ में आयी है। जेटली ने शुक्रवार को कहा था कि मूडीज द्वारा देश की साख 13 साल बाद बढ़ाया जाना सरकार के आर्थिक सुधारों को ‘देर से दी गयी मान्यता’ है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कच्चे तेल के दाम में वृद्धि को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि इससे देश की राजकोषीय स्थितित प्रभावित हो सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘कच्चे तेल की कीमत अब 62 से 64 डालर प्रति बैरल है जो कुछ महीने पहले 40-45 डालर प्रति बैरल थी। इससे भुगतान संतुलन के साथ राजकोषीय स्थिति प्रभावित हो सकती है।’’ जीएसटी के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इसे बेवजह जल्दबाजी में लागू किया गया और नौकरशाही ने इसके लिये अच्छे से तैयारी नहीं की।

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