भारत की एकता बढाने में हिन्दी की ऐतिहासिक भूमिका रही: उपराष्ट्रपति
‘दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा’ के 16वें सालाना दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘राष्ट्र को एकजुट रखने के लिए ज्यादातर भारतीयों द्वारा बोली जाने वाली भाषा से ज्यादा शक्तिशाली चीज कोई नहीं है।’’
हैदराबाद। उपराष्ट्रपति एम वेकैंया नायडू ने कहा कि हिन्दी ने भारत की एकता, अखंडता और भाषाई सद्भाव बढाने में ‘‘ऐतिहासिक’’ भूमिका निभाई। ‘दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा’ के 16वें सालाना दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘राष्ट्र को एकजुट रखने के लिए ज्यादातर भारतीयों द्वारा बोली जाने वाली भाषा से ज्यादा शक्तिशाली चीज कोई नहीं है।’’ एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, उपराष्ट्रपति ने कहा कि भाषा सुशासन में मदद कर सकती है क्योंकि सूचना एवं ज्ञान नागरिकों को प्रबुद्ध बना सकता है।
नायडू ने कहा, ‘‘हिन्दी की भारत की एकता, अखंडता और भाषाई सद्भाव बढाने में ऐतिहासिक भूमिका है।’’ उन्होंने कहा कि 1936 में दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा का कार्यालय विजयवाड़ा में स्थापित हुआ और इस सभा के अध्यक्ष के तौर पर कोंडा वेंकापपाया पंतुलु, आंध्र केसरी तुंगतुरी प्रकाशम पंतुलु, बेजावाडा गोपालरेड्डी, स्वामी रामानंद तीर्थ जैसे स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत अच्छा काम किया। इस मौके पर तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मोहम्मद महमूद अली सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
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