खबरों में खबर लेखक का विचार नहीं होना चाहिए: पर्रिकर

News should not have views of writers, says CM Manohar Parrikar

राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर पत्रकारों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अखबारों को आम आदमी तक खबरों का ईमानदार वाहक होना चाहिए।

पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पत्रकारों को खबर और विचारों को अलग अलग रखना चाहिए। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर पत्रकारों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अखबारों को आम आदमी तक खबरों का ईमानदार वाहक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि खबरों में खबर लेखक का विचार नहीं होना चाहिए। यदि आप उसमें अपना विचार डालना चाहते हैं तो आप विश्लेषण के तौर पर ऐसा कर सकते हैं। पर्रिकर ने कहा, ‘‘यदि कोई ऐसी बात जो हुई ही नहीं, लेकिन किसी ने उसे ऐसे पेश किया कि वह हुई है तो यह बहुत बड़ा अपकार होगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आपको दबाव महसूस नहीं करना चाहिए क्योंकि किसी मुख्यमंत्री को कुछ खास टिप्पणियां पसंद नहीं है। लेकिन मैं महसूस करता हूं कि खबर विचार नहीं हैं, आपको अपना विचार प्रकट करने के लिए हमेशा अंदर के पन्नों का इस्तेमाल करना चाहिए। ’’उन्होंने कहा, ‘‘मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो इस सोच में यकीन करता है कि ‘मेरी राय भले ही आपसे भिन्न हो लेकिन, मैं, मतभिन्नता के आपके अधिकार के लिए आखिर तक संघर्ष करूंगा।’’ पर्रिकर ने कहा, ‘‘अखबारों को आम आदमी तक खबरें पहुंचाने वाला सच्चा वाहक होना चाहिए लेकिन हमने ऐसी प्रवृत्ति देखी है कि कुछ अखबारों में चीजें तोड़-मरोड़कर पेश की जा रही हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई पत्रकार झूठी खबर लिखता है तब वह अपने सिद्धांतों की तिलांजलि दे रहा होता है। कई ऐसे पत्रकार हैं जो अखबारों के माध्यम से अफवाहें फैलाने की कोशिश करते हैं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘बतौर नेता, मैंने मीडिया की आलोचना करने का साहस किया है क्योंकि जिस तरह आपको मेरे खिलाफ लिखने का हक है उसी तह मुझे भी आपसे प्रश्न करने का अधिकार है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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