मोदी में अब संसद का सामना करने की हिम्मत नहींः सोनिया

NewsIndia facbook twitter googlepluse Youtube Modi lacks courage to face Parliament, sabotaging winter session on flimsy grounds: Sonia Gandhi

सोनिया ने अपने भाषण में कहा, ‘‘अगर सरकार सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को बंद करके वह विधानसभा चुनावों से पहले संवैधानिक उत्तरदायित्वों से बच जाएगी तो यह गलत है।''''

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज मोदी सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कमजोर आधार पर संसद के शीतकालीन सत्र में व्यवधान पैदा करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को संबोधित करते हुए सोनिया ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी। उन्होंने इसे त्रुटिपूर्ण कर प्रणाली बताया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने नोटबंदी को लेकर भी सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस कदम से लाखों लोग परेशानी में रहे। उन्होंने पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक इकाई की बैठक में कहा, ‘‘मोदी सरकार ने कमजोर आधार पर संसद के शीतकालीन सत्र में व्यवधान पैदा करके अपने अहंकार में भारत के संसदीय लोकतंत्र पर काली छाया डाल दी है।’’ सोनिया ने अपने भाषण में कहा, ‘‘अगर सरकार सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को बंद करके वह विधानसभा चुनावों से पहले संवैधानिक उत्तरदायित्वों से बच जाएगी तो यह गलत है। संसद के मंच पर सवाल पूछे जाने चाहिए। उच्च पदों पर भ्रष्टाचार के सवाल, मंत्रियों के हितों के टकराव और संदिग्ध रक्षा सौदों पर सवाल।’’

सोनिया ने कहा, ‘‘सरकार को इन प्रश्नों के उत्तर देने होंगे, लेकिन गुजरात चुनावों से पहले सवाल-जवाब से बचने के लिए सरकार ने शीतकालीन सत्र को उसके आयोजन के समय नहीं बुलाकर एक असामान्य कदम उठाया है।’’ संसद की शीतकालीन सत्र परंपरागत रूप से नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होकर दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक चलता है। सूत्रों के अनुसार सरकार केवल करीब 10 दिन के शीतकालीन सत्र के आयोजन पर विचार कर रही है जो दिसंबर के दूसरे सप्ताह में शुरू हो सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह आरोप भी लगाया कि सरकार पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के योगदान को मिटाकर आधुनिक भारत के इतिहास को जबरन बदलने का प्रयास कर रही है।

सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री में आधी-अधूरी तैयारी के साथ त्रुटिपूर्ण जीएसटी को लागू करने के लिए संसद में आधी रात को जश्न मनाने का साहस तो है लेकिन आज उनमें संसद का सामना करने की हिम्मत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई, गिरता निर्यात और जीएसटी से लाखों लोगों को बहुत परेशानी हो रही है। नोटबंदी ने एक साल में संकट में घिरे किसानों, छोटे कारोबारियों, गृहणियों और दिहाड़ी मजदूरों के जख्मों पर नमक छिड़कने के अलावा कुछ नहीं किया है।

सोनिया ने कहा कि गरीबों और वंचितों के भविष्य को तबाह करके मुट्ठीभर लोगों की किस्मत चमकाई जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अब भी प्रधानमंत्री बड़े बड़े ऐलान, झूठे वादे कर रहे हैं। ऐसे तथ्यों और आंकड़ों का हवाला दे रहे हैं जिनका जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है।’’ 

उन्होंने अंत में कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य नेता एवं कार्यकर्ता गुजरात में सकारात्मक परिणाम के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। हमें यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक देनी होगी कि जनता को मूर्ख नहीं बनाया जा सके और वह वहां मौजूदा सरकार को हराने के लिए सही फैसला लें।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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