मैं ब्राह्मण जाति से हूं और भगवान की कृपा है कि...आरक्षण पर नितिन गडकरी का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा?

गडकरी ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्राह्मणों के अलग-अलग सामाजिक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय का ज़्यादा महत्व या प्रभुत्व नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया, जब भी मैं वहाँ जाता हूँ, तो देखता हूँ कि दुबे, मिश्रा और त्रिपाठी काफ़ी प्रभावशाली और प्रभावशाली हैं।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में एक कार्यक्रम में जाति और आरक्षण पर एक ज़बरदस्त टिप्पणी की। उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ब्राह्मण समुदाय के सदस्य होने के नाते, वे अक्सर मज़ाक में कहते हैं कि ईश्वर ने उन पर सबसे बड़ा उपकार यह किया है कि उनके समुदाय को जाति-आधारित आरक्षण नहीं मिलता। गडकरी ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में ब्राह्मणों के अलग-अलग सामाजिक प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में ब्राह्मण समुदाय का ज़्यादा महत्व या प्रभुत्व नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे उत्तरी राज्यों में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया, जब भी मैं वहाँ जाता हूँ, तो देखता हूँ कि दुबे, मिश्रा और त्रिपाठी काफ़ी प्रभावशाली और प्रभावशाली हैं।
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उन्होंने महाराष्ट्र के मराठा समुदाय से तुलना करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि जहाँ मराठों का उनके गृह राज्य में प्रमुख सामाजिक और राजनीतिक महत्व है, वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में ब्राह्मणों का भी उतना ही महत्व है। हालांकि, मंत्री ने स्पष्ट किया कि वह व्यक्तिगत रूप से जातिगत पदानुक्रम या विभाजन में विश्वास नहीं करते। गडकरी ने कहा कि मैं हमेशा उनसे कहता हूँ कि मैं जाति और पंथ को नहीं मानता। कोई भी इंसान जाति, धर्म या भाषा के कारण श्रेष्ठ नहीं होता, बल्कि केवल अपने गुणों के कारण श्रेष्ठ होता है।
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अपने वक्तव्य के माध्यम से गडकरी ने जाति-आधारित पहचान से परे जाकर योग्यता और मूल्यों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उनकी टिप्पणियों ने एक बार फिर भारत में जाति, आरक्षण नीतियों और सामाजिक सत्ता संरचनाओं को लेकर चल रही बहस की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जो देश के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग हैं।
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