एम्स में आधार को अनिवार्य बनाने पर कोई निर्णय नहीं: केंद्र
सरकार ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों के पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य करने पर कोई निर्णय नहीं किया है।
सरकार ने यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मरीजों के पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य करने पर कोई निर्णय नहीं किया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘इस पर कोई निर्णय नहीं किया गया है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या एम्स में मरीज को भर्ती करने के लिए आधार को अनिवार्य किया गया है, मिश्रा ने कहा, ‘‘नहीं, कोई निर्णय नहीं किया गया है।’’
एम्स ने हाल ही में घोषणा की थी कि जो मरीज आधार कार्ड उपलब्ध कराते हैं उनका पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया जाएगा, लेकिन इसके बगैर उन्हें 100 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा जो कि मौजूदा शुल्क का दस गुना है। वर्तमान में पंजीकरण के लिए एक मरीज को 10 रुपये का भुगतान करना पड़ता है जिसके बाद एक विशेष स्वास्थ्य पहचान (यूएचआईडी) नंबर उसे दिया जाता है। एम्स स्वास्थ्य मंत्रालय से आधार संख्या को यूएचआईडी नंबर से जोड़ने की अनिवार्यता संबंधी एक अधिसूचना जारी करने का अनुरोध पहले ही कर चुका है।
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