NRC मामला: नहीं बढ़ाई जायेगी रिपोर्ट तैयार करने की अवधि
इस मामले में अब पांच फरवरी को सुनवाई होगी। असम के लिये राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी की अंतिम रिपोर्ट तैयार करने की अवधि 31 जुलाई, 2019 से आगे नहीं बढ़ाई जा सकती। न्यायालय ने राज्य सरकार, राष्ट्रीय नागरिक पंजी समन्वयक और निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करने के लिये कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव की वजह से यह प्रक्रिया धीमी नहीं हो। शीर्ष अदालत ने कहा कि आगामी आम चुनाव और राष्ट्रीय नागरिक पंजी की कवायद प्रभावित नहीं होनी चाहिए और इसके लिये सक्षम प्राधिकारियों को एक साथ बैठकर कार्यक्रम तैयार करना चाहिए।
Assam NRC coordinator Prateek Hajela to SC:There are 36.2 lakh claims for inclusion of their names in final NRC, over 2 lakh objections against names included in draft till Dec 31. Notices to be issued to claimants 15 days before hearing of claims, that will start on Feb 15 https://t.co/zcFWHSir3C
— ANI (@ANI) January 24, 2019
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरिमन की पीठ ने राज्य में राष्ट्रीय नागिरक पंजी के समन्वयक प्रतीक हजेला, निर्वाचन आयोग के सचिव और असम के मुख्य सचिव से कहा कि वे एक सप्ताह के भीतर बैठक कर यह सुनिश्चित करें कि नागरिक पंजी को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया और आम चुनाव साथ साथ हो सकें तथा किसी भी प्रक्रिया में सरकारी कर्मचारियों की कमी नहीं हो। राज्य सरकार की ओर से पेश सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि इस बैठक का आयोजन किया जायेगा और न्यायालय को इसमें हुयी चर्चा से अवगत कराया जायेगा।
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इस मामले में अब पांच फरवरी को सुनवाई होगी। असम के लिये राष्ट्रीय नागरिक पंजी का मसौदा 30 जुलाई, 2018 को प्रकाशित हुआ था जिसमें 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को शामिल किया गया था। इस मसौदा सूची में 40,70,707 लोगों के नाम शामिल नहीं थे। इनमें से 37,59,630 नामों को अस्वीकार कर दिया गया था जबकि शीर्ष 2,48,077 को अलग सूची में रखा गया था। हजेला ने कहा कि मसौदा सूची से बाहर रह गये करीब 40 लाख व्यक्तियों में से 36.2 लाख व्यक्तियों ने अंतिम पंजी में नाम शामिल करने के लिये प्राधिकारियों के समक्ष दावे पेश किये हैं।
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