दूसरे देश भी भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करना चाहते हैं: शिक्षामंत्री पोखरियाल
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Feb 27 2021 8:18PM
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है जो 34 साल पहले वर्ष 1986 में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्थान लेगी। इसका उद्देश्य स्कूली एवं उच्च शिक्षा में बदलाव करना है ताकि भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाया जा सके।
नयी दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने शनिवार को कहा कि शीर्षस्थ संस्थानों एवं विभिन्न देशों ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) का स्वागत विश्व के सबसे बड़े सुधार के तौर पर किया है और इसे अपने यहां लागू करने में रुचि दिखाई है। दिल्ली विश्वविद्यालय के 97वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पोखरियाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति काफी विचार-विमर्श कर लाई गई है और इससे भारत में ‘सुधार, प्रदर्शन एवं बदलाव’ होगा।
शिक्षामंत्री ने नीति की प्रशंसा करते हुए इसे ‘समानता, गुणवत्ता एवं सुलभता के आधार पर तैयार प्रभावशाली,संवाद वाली, नवोन्मेषी एवं समावेशी नीति करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘ कैम्ब्रिज, संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया, मॉरीशस, इंडोनेशिया...और कई और देशों ने भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को विश्व का सबसे बड़ा सुधार कहा है और वे अपने-अपने देशों में भी लागू करना चाहते हैं। यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों है।, यह ‘वोकल फॉर लोकल ’ (स्थानीय के लिए मुखर) का समर्थन करती है तथा यह वैश्विक स्तर पर स्थानीय है। यह विद्यार्थियों के लिए नए तरह के अवसर लेकर आएगी।’’.@UnivofDelhi can further contribute to nation-building by advancing Center of Excellence on National Education Policy. The efforts will not only strengthen Indian #education system but also make India a global knowledge superpower. pic.twitter.com/afRDJIUV5t
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) February 27, 2021
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निशंक ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को नई नीति ‘मिशन स्तर’ पर लागू करने में अगुआ बनने का आह्वान किया। गौरतबल है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है जो 34 साल पहले वर्ष 1986 में आई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्थान लेगी। इसका उद्देश्य स्कूली एवं उच्च शिक्षा में बदलाव करना है ताकि भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाया जा सके।
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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