हाफिज सईद पर पाक की कार्रवाई ढकोसला: मनीष तिवारी

[email protected] । Feb 23 2017 1:03PM

हाफिज सईद को पाकिस्तान में हिरासत में लिये जाने की घटना को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने एक ‘‘ढकोसला’’ बताते हुए जमात उद दावा प्रमुख को भारत के सुपुर्द करने को कहा है।

वाशिंगटन। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान में हिरासत में लिये जाने की घटना को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने एक ‘‘ढकोसला’’ बताते हुए जमात उद दावा प्रमुख को भारत के सुपुर्द करने को कहा है। अटलांटिक काउंसिल में बुधवार को तिवारी ने संवाददाताओं के एक समूह से कहा, ‘‘यह (पाकिस्तान की कार्रवाई) महज ढकोसला है। पाकिस्तानी अगर वाकई में गंभीर हैं तो उसे हाफिज सईद को भारत को सौंपने की जरूरत है।’’

एक प्रश्न पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि पब्लिक डोमेन और भारत की ओर से आधिकारिक माध्यमों के जरिये पाकिस्तान को उपलब्ध करायी गयी सामग्री, दोनों ही रूपों में सईद के खिलाफ पर्याप्त ठोस सबूत हैं। उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान पाकिस्तान स्थित अन्य आतंकी संगठनों को लेकर कुछ इसी तरह के अनुभवों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से एक ढकोसला है।’’ संप्रग सरकार के दौरान पाकिस्तान में इन आतंकी संगठनों को अस्थायी तौर पर हिरासत में तो लिया गया था लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया था। तिवारी ने कहा कि आतंकवाद की समस्या के समाधान के लिये अमेरिका को पाकिस्तान पर दबाव बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘या तो अमेरिका आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के लिये या प्रयासों में चुनिंदा रुख अपनाने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे या फिर पाकिस्तान का लोकतांत्रिक शासन आईएसआई एवं उसके तत्वों पर लगाम लगाए।’’

तिवारी ने कहा, ‘‘तीसरा तरीका यह है कि भारत भी पाकिस्तान की तरह खेलना (छद्म युद्ध) शुरू कर दे। लेकिन भारत जैसे किसी लोकतांत्रित देश के लिये नैतिक प्रश्न यह है कि जिम्मेदार एवं परिपक्व लोकतंत्रों को अपने राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को हासिल करने के लिये सरकार से इतर तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं।’’ उनके अनुसार, मौजूदा भारतीय सरकार ने इस बारे में विचार दिया है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘एक जिम्मेदार सरकार को अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों को पाने के लिये सरकार से इतर तत्वों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।’’ भारत एवं पाकिस्तान के बीच विवादों के समाधान के लिये अमेरिकी मदद की डोनाल्ड ट्रम्प की टिप्पणियों पर उन्होंने कहा, ‘‘यह असम्भव है।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा था कि अमेरिका भारत एवं पाकिस्तान को उनके विवादों के समाधान में मदद का इच्छुक है।

बहरहाल, तिवारी ने इस बात को दोहराया कि ट्रम्प प्रशासन में भारत-अमेरिका संबंध पर टिप्पणी करना अभी जल्दबाजी होगी। तिवारी ने कहा कि मजबूत संबंधों पर व्हाइट हाउस की गंभीरता पांच संकेतों से स्पष्ट हो जायेगी। उन्होंने कहा, ‘‘पहला संकेत है, अफगानिस्तान में अमेरिका की स्थिति, दूसरा पाकिस्तान के प्रति उनका रवैया क्या है और अन्य तीन संकेत हैं चीन के प्रति अमेरिकी नीतियां, एशिया प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी एवं वैश्विक कारोबारी साम्राज्यों के प्रति उनका रवैया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में नीति निर्माता इन्हीं चार-पांच चीजों की ओर देख रहे होंगे।’’ उन्होंने यह भी कहा कि इन मोर्चों पर घटनाक्रमों पर नयी दिल्ली में सावधानी से नजर रखी जा रही है। उनका मानना है कि मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ट्रम्प की ‘अमेरिका फर्स्ट’ की नीति के बीच ‘‘मूलभूत असामनता’’ है।

We're now on WhatsApp. Click to join.

Tags

    All the updates here:

    अन्य न्यूज़