निचली अदालत के जजों के वेतन में वृद्धि के लिये आयोग गठित

Panel set up to recommend pay hike for lower court judges

न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि की सिफारिश के लिये एक आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गयी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह द्वितीय राष्ट्रीय वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दी थी।

सरकार ने निचली अदालतों के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि की सिफारिश के लिये एक आयोग के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह द्वितीय राष्ट्रीय वेतन आयोग के गठन को अपनी मंजूरी दी थी। विधि मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि आयोग की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पी. वेंकटरामा रेड्डी करेंगे जबकि केरल उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर बसंत आयोग के सदस्य होंगे।

आयोग राज्य सरकारों को अपनी सिफारिश 18 महीने के भीतर सौंपेगा। निचली अदालतों के न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों के वेतन में 2010 में वृद्धि की गई थी। उनके वेतन में 1999 में तय किये गए वेतन की तुलना में तीन गुना वृद्धि की गई थी। वर्ष 2010 में वेतन वृद्धि को पूर्व प्रभाव से एक जनवरी 2006 से लागू किया गया था। फिलहाल जूनियर सिविल जज को सेवा में आने पर 45000 रुपये मिलते हैं जबकि वरिष्ठ न्यायाधीश को करीब 80000 रुपये मिलते हैं।

आयोग 2019 की शुरूआत में अपनी सिफारिशें सौंपेगा और वेतन वृद्धि एक बार फिर से पूर्व प्रभाव से किये जाने की उम्मीद है। यह कदम मई में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्देश दिये जाने के बाद उठाया गया है। न्यायमूर्ति जगन्नाथ शेट्टी की अध्यक्षता वाले प्रथम न्यायिक वेतन आयोग का गठन मार्च 1996 में किया गया था और इसने नवंबर 1999 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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